शिकायत दूर करने के लिए छात्र कर रहे 140 किमी. की यात्रा (युवा पेज की लीड खबर)
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा जिले के किसी भी महाविद्यालय में नहीं खोले गए हैं शिकायत केंद्र छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय कर्मी भी छोटे-छोटे काम को संपादित कराने के लिए जाते रहते हैं...
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा जिले के किसी भी महाविद्यालय में नहीं खोले गए हैं शिकायत केंद्र सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में शिकायत केंद्र खुलने की थी उम्मीद, पर नहीं मिला निर्देश छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय कर्मी भी छोटे-छोटे काम को संपादित कराने के लिए जाते रहते हैं विश्वविद्यालय भभुआ, एक प्रतिनिधि। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने स्थापना काल के बाद से अब तक कैमूर के किसी भी कॉलेज को अंगीभूत की मान्यता नहीं दी। विवि प्रशासन ने न तो शिकायत केंद्र खोला और न अपना काउंटर, शाखा खोलने की बात तो दूर है। जबकि दूसरे जिलों में कुछ सुविधाएं मिल रही हैं। यहां के छात्रों का कहना है कि कैमूर की अनदेखी की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उनकी समस्याओं को लेकर बेफिक्र बने हुए हैं। जबकि चुनाव के दौरान छात्रहित में काम करने की बात कही गई थी। कैमूर जिले में दो अंगीभूत कॉलेज व 12 मान्यता प्राप्त महाविद्यालय हैं। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के सबसे सुदूर क्षेत्र वाले महाविद्यालय कैमूर में हैं। भभुआ से आरा की दूरी 140 किमी. है। छात्र, शिक्षक व कर्मी का अगर छोटा भी काम होता है, तो उन्हें इतनी लंबी दूरी तय कर भभुआ से आरा जाना पड़ता है। इससे न सिर्फ बस या ट्रेन भाड़ा पर खर्च होता है, बल्कि पूरे दिन का समय भी नष्ट हो जाता है। जिस अधिकारी या कर्मी से काम है, अगर उनसे मुलाकात नहीं हुई तो निराश होकर लौट जाना पड़ता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय के शिक्षकों ने पिछले महीनों बताया था कि कैमूर में शिकायत केंद्र खोलने की चर्चा विश्वविद्यालय में चल रही है। तब इसको लेकर छात्र भी अपने शिक्षकों से इस बारे में पूछ रहे थे। हालांकि तब सिर्फ चर्चा भर ही थी। अब तक जिले के किसी कॉलेज में शिकायत केंद्र नहीं खोला जा सका। यही कारण हैं कि छात्रों को छोटे या बड़े कामों के लिए विश्वविद्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है। इससे छात्रों ने नाराजगी देखी जा रही है। रोल नंबर सुधरवाने के लिए जाना पड़ रहा विवि भभुआ शहर के पटेल कॉलेज के एक कर्मी ने नाम नहीं उजागर करने की शत पर कहा कि यूनिवर्सिटी का शिकायत केंद्र नहीं खोले जाने से प्राध्यापक व कर्मी भी नाराज हैं। छात्र तो आक्रोशित दिख रहे हैं। उन्हें रौल नंबर, जन्मतिथि में सुधार कराने, विषय परिवर्तन कराने जैसे छोटे कार्य के लिए विश्वविद्यालय जाना पड़ रहा है। साधारण बस से वहां आने-जाने में 200 रुपया किराया लग जाता है। भोजन-नाश्ता का खर्च अलग है। पूरे दिन का समय नष्ट हो जाता है। अगर जिस कर्मी या अधिकारी से काम है और उनसे मुलाकात नहीं हुई, तो सारा पैसा व मेहनत बेकार चला जाता है। सांसद-विधायक करें पहल स्नातक पार्ट थर्ड में पढ़ाई कर रहे छात्र आशुतोष कुमार व प्रियांशु पटेल ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन कैमूर जिले की उपेक्षा कर रहा है। स्थापना काल से अब तक यहां न तो कोई अंगीभूत महिला कॉलेज खोल सका है और न ही किसी कॉलेज को अंगभूत की मान्यता दी। शिकायत केंद्र या विवि की शाखा तक नहीं खोला जा सका है। कुछ प्रखंड में तो कॉलेज तक नहीं है। यही कारण है कि उन्हें छोटे काम के लिए आरा जाना पड़ रहा है। ऐसे में अगर स्थानीय सांसद-विधायक उनकी समस्या का समाधान नहीं कराएंगे तो भविष्य में उनकी परेशानी और बढ़ेगी। इस दिशा में जनप्रतिनिधियों को पहल करनी होगी। कैमूर में सिर्फ दो अंगीभूत कॉलेज हैं गौरतलब है कि जिले में सिर्फ दो अंगीभूत कॉलेज हैं। भभुआ में सरदार बल्लभ भाई पटेल कॉलेज और रामगढ़ में ग्राम भारती कॉलेज। यह दोनों कॉलेज मगध विश्वविद्यालय के काल के अंगीभूत हैं। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने किसी कॉलेज को अंगीभूत का दर्जा नहीं दिया है। जबकि जिले के भभुआ, भगवानपुर, रामपुर, मोहनियां, दुर्गावती, रामगढ़, कुदरा आदि प्रखंडों में महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। अंगीभूत महिला कॉलेज के अभाव में इंटर करने के बाद आगे की पढ़ाई करनेवाली छात्राओं को दिक्कत हो रही है। कोट विश्वविद्यालय में जिले के सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में सुविधा को केंद्र खोले जाने की चर्चा चल रही थी। लेकिन, अभी तक विवि से इस दिशा में कोई निर्देश नहीं आया है। हालांकि यहां सुविधा केंद्र खोल दिए जाने से जिले में पढ़ने वाले छात्रों व कॉलेज प्रशासन को सहूलियत मिलेगी। डॉ. महेश प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक, एसभीपी कॉलेज फोटो 19 अगस्त भभुआ- 15 कैप्शन- भभुआ शहर के शहीद संजय सिंह महिला कॉलेज में पढ़ाई करतीं छात्राएं।
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