दो दिनों से निकल रही धूप से कामकाज में आई तेजी (पेज चार की बॉटम खबर)
कायमूर जिले में खराब मौसम के बाद धूप खिलने से लोगों को राहत मिली है। चिकित्सक डॉ. त्रिभुवन नारायण के अनुसार, धूप से विटामिन डी मिलता है, जिससे हड्डियों को मजबूती और दर्द में राहत मिलती है। महिलाएं...
बोले चिकित्सक, धूप से मिलती है विटामिन डी, धूप से शरीर सेंकने पर हड्डियों को मिलती है मजबूती और दर्द होता है कम अब खेतीबारी, कपड़ा धोने और गेहूं सुखाने के काम में जुटे कैमूरवासी धूप खिलने के बाद बच्चे दिन में मैदान में खेलते दिखे छोटे-छोटे बच्चे भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर जिले में लगातार एक पखवारे से मौसम खराब रहने से कई तरह के कामकाज प्रभावित हो रहे थे। इस बीच दो दिन चंद समय के लिए हल्की बूंदाबांदी भी हुई। लेकिन, बुधवार से धूप खिलने से कई कामों में तेजी आई है। हालांकि कनकनी कम नहीं हुई है। धूप निकलने के बाद भी न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बच्चों व वृद्धों की परेशानी अभी कम नहीं हुई है। धूप में बैठने वक्त भी लोगों के शरीर पर गर्म कपड़े दिख रहे हैं। डॉ. त्रिभुवन नारायण कहते हैं कि धूप से विटामिन डी मिलती है। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है और दर्द में राहत भी पहुंचाती है। धूप की वजह से बुजुर्गों की हड्डियों को ताकत मिली, तो बच्चे भी खेलने के लिए घरों से बाहर निकल गए। कई दिनों से घरों में कैद लोगों को काफी राहत मिली। धूप निकलने से महिलाओं ने अपने घरों के कपड़े धोकर छत पर सुखाए। बाजार से आटा खरीदकर खा रहे लोगों ने गेहूं सुखाने का काम किया। किसान भी धान की नमी दूर करने के लिए उसे धूप में डाल दिए। पशुपालक भी मवेशियों को पूरे दिन धूप में ही रखे। महिलाएं भी कामकाज निपटाकर धूप लेने छत पर चली गईं। दो दिन पहले तक कोहरा व गलन की वजह से लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया था। इसमें सबसे अधिक परेशान तो बुजुर्ग व बच्चे ही रहे। छोटे बच्चे व नवजात निमोनिया, कोल्ड डायरिया आदि की चपेट में भी आने लगे थे। ऐसे में धूप निकलने के बाद मानों सभी के शरीर में जान आ गई है तो पशु-पक्षी को भी राहत मिल गई। हल्की पछुआ हवा चलने से शाम को गलन बढ़ गई। कुल मिलाकर मौसम खुशनुमा रहा। खेतीबारी के काम में आई तेजी मौसम खराब रहने की वजह से खेतीबाड़ी का काम प्रभावित हो गया था। किसान खेत से हरा चारा काटकर घर लाए और मवेशियों को खिलाए। कुछ किसान खाद छिड़कने का काम तो कुछ फसल की सिंचाई का काम पूरा कर लिए। कुछ किसान गेहूं की फसल से खर-पतवार निकाले। दलहन व तेलहन की फसल को भी संभालने में किसान जुट गए। सरसो के पौधों पर लाही के प्रकोप की भी चिंता कम हुई है। घाट पर की कपड़ों की धुलाई धूप खिलने के बाद बैठा समाज के लोग कपड़ों की धुलाई करने के लिए तालाब, नहर व नदी के घाटों की ओर गुरुवार की सुबह निकल गए। कुछ लोग बुधवार को भी कपड़ा धोने घाट पर गए थे। वह एक दिन पहले ही कपड़ों को गोत दिए थे। कपड़ों की धुलाई करने के बाद कुछ लोग घाट से घरों पर आयरन करने के लिए लौट आए। जबकि बच्चे व महिलाएं घाट पर कपड़ा सुखवाने में जुट गए। वह शाम के वक्त सूखे कपड़ों को लेकर घर लौटे। धूप में बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई जिले में प्रेप से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यालयों में 11 जनवरी तक पढ़ाई स्थगित रखी गई है। ऐसे में बच्चे अपने घर की छत पर धूप में पढ़ाई कर रहे हैं। इंटर की परीक्षा पहली फरवरी से होनी है। परीक्षार्थी भी धूप का आनंद लेकर पढ़ रहे हैं। मैट्रिक की प्रायोगित परीक्षा भी 21 से शुरू हो रही है। इस परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थी भी धूप में बैठकर प्रैक्टिकल की कॉपी तैयार कर रहे हैं। हालांकि अधिकतर छात्रों ने यह फोटो- 09 जनवरी भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ की पश्चिमी सीमा पर स्थित सुवरा नदी में गुरुवार को धूप निकलने पर कपड़े की धुलाई करती महिला। फोटो- 09 जनवरी भभुआ- 7 कैप्शन- बेलांव थाना परिसर में गुरुवार को धूप निकलने पर जैकेट, त्रिपाल की सूखवाते पुलिस कर्मी।
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