उमसभरी गर्मी में अस्पतालो में मरीजो की संख्या में हो रही बढ़ोतरी
पेज चार की बॉटम खबर पेज चार की बॉटम खबर उमसभरी गर्मी में अस्पतालो में मरीजो की संख्या में हो रही बढ़ोतरी जिले के अस्पतालो में

पेज चार की बॉटम खबर उमसभरी गर्मी में अस्पतालो में मरीजो की संख्या में हो रही बढ़ोतरी जिले के अस्पतालो में इलाज के लिए सर्दी,खांसी,बुखार,दर्द व डायरिया वाले पहुंच रहे मरीज एपीएचसी, पीएचसी, सीएचसी, रेफरल, अनुमंडल अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध जिले के भंडार कक्ष में उपलब्ध है ओआरएस पाउडर के 50 हजार पॉकेट भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बदलते मौसम के कारण जिले में कड़ी घुप व उमसभरी गर्मी व कभी आसमान में छाएं बादल से लोग बीमार होने लगे हैं। जिले के अस्पतालो में इलाज के लिए सर्दी,खांसी,बुखार,दर्द व डायरिया वाले मरीज पहुंच रहे हैं। मौसम में ताप बढ़ते ही स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है।
जिले के सरकारी अस्पतालों में डायरिया व लू से बीमार हुए लोगों के इलाज के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। जिले के सभी अस्पतालों में डायरिया व लू से बीमार लोगों के इलाज के लिए जिला भंडार कक्ष से दवाओं की आपूर्ति की गई है। इनमें ओआरएस, आईबी फ्लू, मेट्रोन, सीप्रो, आरएल, जींक टॉबलेट, एंटीबायोटिक, मेट्रोनिडाजोल जैसी दवाओं की आपूर्ति की गई है। सीएस डा. विंदेश्वरी रजक ने बताया कि जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डायरिया व लू से पीड़ित मरीजों की सुविधा के लिए मेडिकल टीम का गठन कर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। पर्याप्त दवाएं भी जिला भंडार कक्ष से भिजवाई गई है। ऑक्सीन, आवश्यक दवाओं व अन्य जरूरी सामग्री के साथ एम्बुलेंस को भी हर अस्पताल में तैयार रखा गया है। सदर अस्पतताल के ओपीडी स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा काउंटर व चिकित्सक कक्ष में शनिवार को मरीजों की भीड़ देखी गई। अस्पतालों में गर्मीजनित सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द के अलावा डायरिया पीड़ित मरीज आने लगे हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि शरीर में पानी की कमी, धूप में ज्यादा देर रहने, खाली पेट रहने, बचाव का उपाय नहीं किए जाने से लोग डायरिया व लू की चपेट में आ रहे हैं। दूषित पानी पीना व बासी भोजन खाना भी इसका कारण है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी में प्रतिदिन आने वाले पांच से छह डायरिया मरीजों के इलाज के लिए मेट्रोन, सीप्रो, ओआरएस, आरएल आदि दवा उपलब्ध है। रविवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी डाक्टर विनय कुमार तिवारी द्वारा डायरिया व पेट दर्द के सात से आठ मरीजो का मेडिकल जांच के बाद भर्ती कर इलाज किया गया। डायरिया आमजनो की गंभीर समस्या सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह डायरिया भी आम, लेकिन गंभीर समस्या है। गर्मी के मौसम में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे अहम कारण गंदगी है। लगभग हर किसी ने अपने जीवन में कभी न कभी डायरिया का सामना किया ही होगा। जिन्हें डायरिया हुआ है, उन्हें पता होगा कि पेट में ऐंठन और सूजन कितनी तकलीफदेय होती है। बार-बार उल्टी और दस्त होना डायरिया के लक्षण हैं। अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है। पीड़ित के शरीर में हो जाता है पानी की कमी डायरिया या अतिसार पेट खराब होने की ऐसी स्थिति है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को दिन में कई बार पानी की तरह पतला मल आता है। इसे आम भाषा में दस्त या लूज मोशन भी कहा जाता है। डायरिया की वजह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में मौजूद पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम व पोटैशियम जैसे मिनरल्स) मल के साथ अत्यधिक मात्रा में निकल जाते हैं। इससे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन गड़बड़ा जाता है और डीहाइड्रेशन हो जाता है। कोट जिले के सभी अस्पतालों में डायरिया व लू से बचाव एवं मरीजों के इलाज के लिए भंडार कक्ष से दवाओं की आपूर्ति की गई है। फिलहार पांच हजार ओआरएस के पैकेट भेजे गए हैं। अभी भंडार कक्ष में 50 हजार ओआरएस पैकेट उपलब्ध हैं। मेडिकल टीम भी गठित की गई है। डा.विदेंश्वरी रजक,सीएस,कैमूर फोटो परिचय 25-भभुआ-07-सदर अस्पताल के इमरजेंसी में डाक्टर से मेडिकल जांच कराते मरीज
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।