Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआNew Soil Testing Lab in Mohania to Benefit Farmers of Multiple Blocks in Bihar

मोहनियां में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खुलेगी, मिलेगी सुविधा (एक्सक्लूसिव/पेज तीन की लीड खबर)

मोहनियां, रामगढ़, कुदरा, दुर्गावती व नुआंव प्रखंड के किसानों को मिलेगी सहूलियत मोहनियां, रामगढ़, कुदरा, दुर्गावती व नुआंव प्रखंड के किसानों को मिलेगी सहूलियत

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 23 Aug 2024 08:44 PM
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मोहनियां, रामगढ़, कुदरा, दुर्गावती व नुआंव प्रखंड के किसानों को मिलेगी सहूलियत खेतों की मिट्टी का सैंपल जांच कराना व मृदा स्वास्थ्य कार्ड लेना हो जाएगा आसान भभुआ, कार्यालय संवाददाता। मोहनियां में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खुलेगी। इससे मोहनियां, रामगढ़, कुदरा, दुर्गावती व नुआंव प्रखंड के किसानों को सहूलियत मिलेगी। इस प्रयोगशाला के स्थापित हो जाने से उक्त प्रखंड के किसानों को अपने खेतों की मिट्टी के सैंपल की जांच कराने के लिए भभुआ नहीं आना पड़ेगा। हालांकि कैमूर जिले के अन्य प्रखंडों में भी मिट्टी के सैंपल की जांच करने की सुविधा नहीं है। नुआंव के किसान रामव्रत सिंह व दुर्गावती के किसान जयराम सिंह बताते हैं कि मिट्टी के सैंपल की जांच कराने व उसकी रिपोर्ट समय से प्राप्त करने में दिक्कत होती है। जिले में एक ही जांच केंद्र होने की वजह से कैमूर के सभी प्रखंडों के किसान मिट्टी का सैंपल जमा करते हैं। इस कारण जांच करने में देर होती है। समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से हम किसान फसल लगाने से पहले मिट्टी का उपचार नहीं कर पाते हैं। इसका असर उपज पर पड़ता है। मोहनियां प्रखंड के किसान संतोष सिंह ने बताया कि मिट्टी की जांच के बाद उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषि विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाता है। इस कार्ड से यह पता चलता है कि उनके खेती की मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और इसकी कमी दूर कर किस चीज की फसल लगाना लाभकारी होगा। साथ ही किसानों को फसल की सिंचाई व उसमें जरूरत के अनुसार खाद तथा कीटनाशक दवाओं के उपयोग के बारे में भी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जाती है। भभुआ जांच केंद्र पर भार कम पड़ेगा किसानों का कहना था कि मिट्टी की जांच नहीं होने से वह अपने मन से खेतों में फसल लगाते हैं तथा खाद, कीटनाशक दवा का उपयोग एवं सिंचाई करते हैं। इस कारण अधिक लागत के बाद भी फसल की उपज अच्छी नहीं हो पाती है। अब मोहनियां में मिट्टी जांच केंद्र खुल जाने से वह साल-दो साल पर प्रयोगशाला में अपने खेतों की मिट्टी जांच कराकर उपज बढ़ा सकते हैं। भभुआ में मिट्टी जांच कराने और उसकी रिपोर्ट प्राप्त करने में देर होती है। मोहनियां में केंद्र खुलने से भभुआ केंद्र पर मिट्टी जांच का भार कम होगा। जांच के लिए 10600 सैंपल आए भभुआ के मिट्टी जांच केंद्र में जिले के 11 प्रखंडों के किसानों ने अपने खेतों के 10600 सैंपल जांच के लिए जमा किया है। अभी तक 3679 सैंपल की जांच कर रिपोर्ट दे दी गई है। मिट्टी के 6921 सैपल की जांच प्रयोगशाला में की जा रही है। इस आशय की जानकारी लैब टेक्निशियन अजय कुमार ने दी। पूछने पर उन्होंने बताया कि जांच से यह पता चला है कि कैमूर जिले के सभी समतल इलाके में समान्य उर्वरा वाली मिट्टी है। जैविक खाद से बढ़ा सकते हैं उपज कृषि वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार सिंह का मानना है कि फसल में जैविक खाद का उपयोग कर किसान उपज बढ़ा सकते हैं। हरी खाद की खेती भी सरल है। इससे से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, खेतों में पराली नहीं जलाना होगा। इससे उर्वरा शक्ति का हा्रस होता है। मित्र कीट मर जाते हैं। इससे मिट्टी की अमलीयता, क्षारीयता में सुधार तथा मिट्टी क्षरण में कमी आती है। हरी खाद यानी मूंग व ढैचा की खेती किए जाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है। कोट विधानसभा की कृषि उद्योग समिति पिछले दिनों कैमूर में आई थी। समिति ने अनुमंडल स्तर पर मिट्टी जांच केंद्र खोलने की बात कही थी। इसको लेकर डीडीसी द्वारा गुरुवार को पहल करने के लिए कहा गया था। इस दिशा में अभी तक विभाग से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि अनुमंडल स्तर पर मिट्टी जांच केंद्र खुल जाए तो किसानों को सुविधा होगी। रेवती रमण, जिला कृषि पदाधिकारी फोटो- 23 अगस्त- 1 कैप्शन- कृषि विभाग के कार्यालय परिसर में स्थित प्रयोगशाला में शुक्रवार को मिट्टी जांच करते लैब टेक्निीशियन।

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