सिर्फ एक रुपए में किसान करा सकते हैं बीज की जांच व उपचार (पेज चार की लीड खबर/हिन्दुस्तान एक्सकलूसिव)
कैमूर के किसानों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है। जिला कृषि भवन परिसर में बीज के उपचार और जांच के लिए केंद्र खोला गया है। अब किसान मात्र एक रुपए में अपने बीज की गुणवत्ता की जांच और उपचार करा सकते...
कैमूर के किसानों की सुविधा के लिए जिला कृषि भवन परिसर में सरकार ने खोलवाया है बीज के उपचार व जांच के लिए केंद्र बीजारोपण करने से पहले केंद्र के टेक्निशियन कर रहे हैं बीज का उपचार उपचार कराकर बीज का उपयोग करने से उपज बढ़ने की संभावना ज्यादा 25 किसानों ने अपने बीज का कराया है उपचार 380 नमूने का बीज निरीक्षक ने कराया है उपचार श्रीकांत पांडेय भभुआ। कैमूर के किसानों के लिए अच्छी खबर है। जिले के किसान एक ही छत के नीचे खेत की मिट्टी जांच के साथ-साथ अपने बीज की गुणवत्ता की जांच व उसका उपचार भी करा सकते हैं। इस केंद्र में सिर्फ एक रुपए शुल्क में बीज की जांच व उपचार कराने की सुविधा मिलेगी। जिला कृषि कार्यालय भवन में मिट्टी जांच के बाद अब बीज उपचार केंद्र भी खुल गया है। जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने किसानों की सहूलियत एवं बेहतर पैदावार के लिए सरकार ने जिला स्तर पर बीज उपचार केंद्र की स्थापना कराई है। किसान खरीफ सीजन में बिचड़ा डालने व रबी सीजन में बुआई से पहले बीज की गुणवत्ता की जांच व उपचार करा सकेंगे। बीज की जांच कराने से उसकी गुणवत्ता का पता सकेगा। अगर खराब बीज हुआ तो किसान उसका उपयोग नहीं करेंगे। अगर बिना जांच कराए बीज का उपयोग करते हैं और वह बीज खराब रहता है तो खेतों में अंकुर नहीं सकेगा, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति के साथ समय भी नष्ट होगा। उपचार के दौरान अगर बीज अंकुरता है, तो यह माना जाता है कि बीज ठीक है। विभागीय अधिकारियों की माने तो अक्सर यह शिकायत मिलती है कि किसान बाजार की दुकानों से धान व गेंहू का बीज खरीदें थे। खेत में बुआई करने पर अंकुर नहीं सका। अगर अंकुर भी गया, तो उसमें अनाज के दाने अच्छे नहीं निकले। यह भी शिकायतें मिलती है कि धान व गेहंू में समय से पहले बालियां निकल आई, जिससे उपज कम हो गई। इस तरह की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने जिला स्तर पर बीज उपचार केंद्र की स्थापना कराई है। जिले के किसान खेतों में बिचड़ा डालने एवं बुआई करने से पहले बीज की जांच कराकर उसकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। 25 किसानों ने ही कराया है बीज का उपचार भभुआ। बीज उपचार केंद्र में अबतक कैमूर जिले के मात्र 25 किसानों ने ही रबी, खरीफ तथा दलहन एवं तेलहन फसल के बीज का उपचार कराया है। विभागीय सूत्रों की माने तो अभी जिले के अधिकतर किसानों को जिला कृषि कार्यालय भवन परिसर में बीज उपचार केंद्र खुलने के बारे में जानकारी नहीं है। यही कारण है कि किसान बहुत कम संख्यामें अबतक बीज की जांच व उपचार करा पाए हैं। हालांकि जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि जिला एवं प्रखंड स्तर पर लगने वाले कृषि मेले में किसानों को बीज उपचार के बारे में जानकारी दी जा रही है। निरीक्षक ने 380 नमूने का कराया उपचार भभुआ। बीज उपचार केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्र में बीज निरीक्षक द्वारा अब तक रबी एवं खरीफ बीज के 380 नमूनों का उपचार कराया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बीज निरीक्षक को भभुआ शहर के साथ-साथ जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित विभाग द्वारा निबंधित बीज दुकानों से नमूना लेकर जांच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि इस बात का पता चल सके कि दुकानदार कहीं नकली बीज की बिक्री तो नहीं कर रहे हैं। बीज उपचार केंद्र के कर्मियों ने बताया कि बीज निगम द्वारा भी किसानों को दिए गए बीज का उपचार यहां पर कराया जाता है। घरेलू उपाय से भी कर सकते हैं बीज उपचार किसान घरेलू उपचार से भी बीज का उपचार कर सकते हैं। हार्ड बीज मटर, सोयाबीन, चना को गर्म पानी में भींगोने के बाद उसे पोटली में बांधकर गर्म स्थान पर रख दें। फिर चार दिनों बाद उसकी बुआई करें। उच्च गुणवत्ता वाले बीज खरपतवार के बीज, बीज जनित रोग, कीट, रोगजनकों और अन्य बाहरी पदार्थों से मुक्त होते हैं। लरंगवाली सब्जियों के पौधों को सामान्य पानी में भिंगोने के बाद भूरभूरी मिट्टी में मिलाकर उसकी पोटली बना लें। फिर पांच-छह दिनों बाद उसकी बुलाई नर्सरी या खेतों में करें। लेकिन, गुणवत्ता की जांच तो कृषि विभाग के जांच केंद्र में ही कराना श्रेष्ठकर होगा। फोटो-06 सितंबर भभुआ- 3 कैप्शन- भभुआ के जिला कृषि कार्यालय परिसर में स्थित बीज जांच व उपचार केंद्र में रखी गई मशीन।
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