शिक्षक ने किस घंटी में कौन टॉपिक पढ़ाया, बेटियां रखती हैं हिसाब (सर के ध्यानार्थ)
गर्ल्स हाईस्कूल की हर कक्षा में मॉनिटर रजिस्टर में दर्ज करती हैं गुरुजी के हर घंटी का ब्योरा गर्ल्स हाईस्कूल की हर कक्षा में मॉनिटर रजिस्टर में दर्ज करती हैं गुरुजी के हर घंटी का ब्योरा
गर्ल्स हाईस्कूल की हर कक्षा में मॉनिटर रजिस्टर में दर्ज करती हैं गुरुजी के हर घंटी का ब्योरा पांच क्लबों की 100 छात्राएं शैक्षिक, सांस्कृतिक, साफ-सफाई व अनुशासन की संभालती हैं कमान बेटियों की चौकस पढ़ाई के लिए 19 सरकारी तो अभिभावकों ने रखे हैं 15 निजी शिक्षक अखिलेश श्रीवास्तव रामगढ़ (कैमूर)। कैमूर में एक ऐसा स्कूल हैं, जहां की शैक्षिक गतिविधियों की पूरी कमान छात्राएं संभालती हैं। इसमें अपने गुरुजी की हर घंटी का हिसाब रखना भी शामिल है। बात कर रहे हैं रामगढ़ के आदर्श गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी हाईस्कूल की। इस स्कूल में किस दिन, किस घंटी में किस शिक्षक ने कौन सा टॉपिक पढ़ाया, इसका जवाब बेटियां मिनटों में दे देंगी। शिक्षक स्कूल आएं और कक्षा में पढ़ाने नहीं गए, इसका ब्यौरा भी बेटियों के पास उपलब्ध है। इसके लिए बाकायदा कक्षावार रजिस्टर है, जिसका संचालन हर सेक्शन की मॉनिटर व सहयोगी छात्राएं करती हैं। पूरी व्यवस्था को चौकस रखने के लिए स्कूल में गठित पांच क्लबों की 100 छात्राएं मुस्तैद रहती हैं। राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार विजेता एचएम अनिल कुमार सिंह का कहना है कि बेटियों के अंदर जिम्मेदारी, नेतृत्व क्षमता और दायित्वबोध विकसित करने के लिए दो साल पहले इस प्रयोग को शुरू किया गया। बेहतर रिजल्ट मिला, इसलिए यह अमल में है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों पर नैतिक दबाव रहता है। समय से स्कूल पहंुचने और क्लास लेने में सजग रहते हैं। खास यह कि इस व्यवस्था से शिक्षक अपने दायित्व व छात्राएं पढ़ाई के प्रति विशेष लगाव रखने को अभ्यस्त हो गई है। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल में यूथ क्लब, हाइजिन क्लब, कल्चरल क्लब, स्काउट एंड गाइड समेत पांच क्लबों का गठन किया गया है। हर क्लब में 20 छात्राएं हैं। हर क्लब की सक्रिय भागीदारी की कमान दो-दो शिक्षकों को सौंपी गई है। गौरतलब है कि इस स्कूल का संचालन अभिभावकों की समिति करती है। प्रबंध समिति के नेतृत्व में हमेशा स्कूल की प्रगति के लिए नये-नये प्रयोग करती रही है। इन प्रयासों में उसे आशातीत सफलता भी मिली है। मसलन जांच परीक्षा में मेरिट लिस्ट के आधार पर नौवीं व दसवीं कक्षा में सुपर- 90 व इंटर में सुपर-40 की व्यवस्था चार साल से लागू है। इससे मैट्रिक व इंटर परीक्षा में अच्छा रिजल्ट मिल रहा है। स्कूल में 19 सरकारी शिक्षक है। फिर भी अभिभावक फंड से 15 शिक्षक रखे गए हैं। यह व्यवस्था बेटियों की पढ़ाई चौकस रखने और शिक्षकों की कमी को पाटने के लिए की गई है। स्कूल में 2200 छात्राएं पढ़ाई करती हैं। नो बैग डे की व्यवस्था सरकार के घोषित करने से पहले से यहां लागू है। जिले का यह पहला स्कूल है, जहां तीन वर्ष पहले कमरों की कमी के कारण बेटियों की पढ़ाई दो शिफ्ट में करने का सफल प्रयोग किया गया। नये कमरों के निर्माण के बाद दो शिफ्ट की पढ़ाई बंद कर दी गई। दूर-दराज की छात्राओं के लिए स्कूल में चार बसें हैं। टॉपर बेटियों को दिया जाता है वाग्देवी मेधा सम्मान रामगढ़। आदर्श गर्ल्स हाईस्कूल रामगढ़ जिले का पहला हाई स्कूल है, जहां 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली बेटियों को वागदेवी मेधा सम्मान देकर हौसला बढ़ाया जाता है। प्रबंध समिति बकायदा सम्मान का प्रमाण पत्र व मेडल देती है। समिति के अध्यक्ष हरिद्वार सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास बस इतना है कि हमारी बेटियों का कॅरियर संवरें। इसके लिए हम संसाधन से लेकर हर बेहतर प्रयोग को करने की इच्छा शक्ति रखते हैं। एनसीएसएल व एनसीईआरटी ने बनाई है वीडियो डाक्यूमेंट्री रामगढ़। आदर्श गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी हाईस्कूल की शैक्षिक व सांस्कृतिक खूबियों से प्रभावित होकर एनसीएसएल (नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप) व एनसीईआरटी ने एक वीडियो डाक्यूमेंट्री भी बनाई है। 9 मिनट 16 सेकेंड की डाक्यूमेंट्री में छात्राओं की कला व संस्कृति पक्ष पर विशेष फोकस है। क्ले मॉडलिंग (मिट्टी मूर्ति कला), रंगोली, पोस्टर, पेंटिंग, नृत्य को प्रदर्शित किया गया है। स्कूल की दीवारों पर छात्राओं द्वारा की गई पेंटिंग को काफी सराहा गया है। इसके अलावा शैक्षिक गतिविधियों को लेकर प्रधानाचार्य अनिल कुमार सिंह की कार्यशैली की भी चर्चा की गई है। इस डाक्यूमेंट्री निर्माण में एससीईआरटी बिहार ने भी अहम रोल निभाया है। फोटो- 26 अगस्त भभुआ- 12 कैप्शन- कैमूर के रामगढ़ स्थित आदर्श गर्ल्स हाईस्कूल की एक कक्षा में पढ़ाई करती छात्राएं।
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