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बघनरवा नाला में ह्यूम पाइप लगाने की तैयारी, पुल का है इंतजार

बरसात में मोहनपुर, टोड़ी, भगवानपुर, सरैयां और देउवा के किसानों को बाजार में उपज पहुंचाने में कठिनाई होती है। बघनरवा नाला पर पुल निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन किसानों का कहना है कि बिना पुल के उनका...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 21 Feb 2025 09:10 PM
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बघनरवा नाला में ह्यूम पाइप लगाने की तैयारी, पुल का है इंतजार

बरसात में बंद हो जाता है आवागमन, बाजार में नहीं पहुंच पाती है उपज मोहनपुर, टोड़ी, भगवानपुर, सरैयां, देउवा, पड़री के किसान करते हैं खेती (पेज चार की बॉटम खबर) भगवानपुर, एक संवाददाता। प्रखंड के दंउवा जंगल में स्थित बघनरवा नाला के पास ईंट डालकर आने-जाने के लिए रास्ता बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब उसमें ह्यूम पाइप डालकर जलनिकासी का प्रबंध करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि क्षेत्र के किसानों का कहना यहां बिना पुल का निर्माण कराए काम नहीं चलेगा। क्योंकि बरसात में पहाड़ से आनेवाला पानी से रास्ता बंद हो जाता है। इसके लिए कई बार तत्कालीन मंत्री व विधायक से गुहार लगाई गई, पर किसी ने नहीं सुनी। पैक्स अध्यक्ष चंचल सिंह से कहने पर उन्होंने निजी स्तर पर ईंट व ह्यूम पाइप का प्रबंध कर रास्ता बनवाया जा रहा है। मोहनपुर के बाला पाल, टोड़ी के बचाऊ राम, भगवानपुर के जवाहर पटेल, सरैयां के मोहन यादव का कहना है कि देउवा जंगल में उनके गांवों के अलावा पड़री, पतलोइया, देउवा आदि गांवों के किसान खेती करते हैं। सूखे के मौसम में तो आसानी से आना-जाना हो जाता है, पर बरसात में रास्ता बंद हो जाता है। तब उन्हें पांच किमी. अतिरिक्त दूरी तय कर अपनी उपज बाजार में पहुंचा पाते हैं। लेकिन, मंडी में उपज देर से पहुंचने के कारण अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है। पुल बन जाने से भुड़कुड़ा पहाड़ के लोग भी इस पथ से बाजार आ-जा सकेंगे। इधर दुर्गावती, सोनहन आदि जगहों के लोग मकान बनवाने के लिए जमीन खरीदे हैं। प्रखंड की टोड़ी पंचायत में देउवा जंगल के बघनरवा नाला पर पुल बन जाने से किसानों के आर्थिक विकास में तेजी आ सकती है। इस जंगल में करीब 50 झोपड़ियां लगाकर किसान व उनका परिवार निवास करता है। कुछ किसान पूरे दिन खेत में काम करने के बाद अपने गांव लौट जाते हैं। लेकिन, यहां रहनेवाले लोगों के बच्चों के लिए स्कूल तक नहीं है। चार साल पहले बच्चों को पढ़ाने के लिए आपस में चंदा कर एक शिक्षक को रखे थे। अब बच्चे धनगढ़ा व बभनी पढ़ने जा रहे हैं। लेकिन, बरसात में वह स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। किसानों संग बैठक कर तत्कालीन विधायक बृजकिशोर बिंद ने पुल निर्माण का आश्वासन दिया था, पर यह काम नहीं हो सका। बुनियादी सुविधाओं की जरूरत इस जंगल में चापाकल की जरूरत है। जंगल में बनी झोपड़ियां एक-दूसरे से दूरी पर हैं। इसलिए नल-जल योजना का पानी सभी झोपड़ियों तक पहुंचाना आसान नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सड़क, स्कूल, अस्पताल, पेयजल की समुचित व्यवस्था करने के साथ बघनरवा नाला पर छलका या पुल निर्माण कराने की मांग की है। किसानों का कहना था कि छलका बन जाने से वह बरसात में आसानी से आ-जा सकेंगे। उनकी उपज बाजार में पहुंच जाएगी, जिससे वह आर्थिक रूप से सबल होंगे। ग्रामीणों ने बताई परेशानी नेबूलाल पासवान व चंद्रमा राम ने बताया कि जंगल में आने के लिए सुगम मार्ग नहीं है, जिससे उपज को सिर पर रखकर बाजार ले जाना पड़ता है। बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय नहीं है। बघनरवा नाला जब उफान पर रहता है, तब यहां रहनेवाले लोग जंगल से बाहर नहीं निकल पाते हैं। बच्चे भी बभनी या धनगढ़ा स्कूल में नहीं जा पाते हैं। इसलिए बरसात से पहले हर जरूरी चीजों को खरीदकर अपनी झोपड़ी में रख लेते हैं। यहां न अस्पताल है और न पेयजल की अच्छी सुविधा। फोटो- 21 फरवरी भभुआ- 4 कैप्शन- भगवानपुर प्रखंड के बभनी-देउवा पथ के बघनरवा नाला के पास रास्ता तैयार करते लोग व पास में रखी ह्यूम पाइप।

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