Farmers in Kaimur Face Irrigation Challenges as 112 Tubewells Remain Non-Functional Ahead of Kharif Season जिले के 112 नलकूप बंद, खरीफ की खेती में होगी समस्या, Bhabua Hindi News - Hindustan
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जिले के 112 नलकूप बंद, खरीफ की खेती में होगी समस्या

कैमूर जिले के किसान रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन जिले के 226 में से 112 नलकूप बंद पड़े हैं। नलकूपों के बंद रहने से किसान सिंचाई की समस्या का सामना कर रहे हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 17 May 2025 09:37 PM
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जिले के 112 नलकूप बंद, खरीफ की खेती में होगी समस्या

खरीफ फसल की खेती के लिए रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालेंगे कैमूर के किसान, अभी नहर में भी नहीं आया पानी सूखे की समस्या से निपटने के लिए नाबार्ड योजना से स्थापित किए गए हैं नलकूप यांत्रिक दोष एवं अन्य कारणों से बंद पड़े हैं राजकीय नलकूल, किसान हो रहे चिंतित (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। कैमूर जिले के 226 में 112 नलकूप बंद पड़े हैं। जबकि कुछ दिनों में खरीफ फसल की खेती शुरू होगी। आगामी 25 मई से रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा। खरीफ की खेती के लिए किसान रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने का काम शुरू करेंगे।

ऐसे में नलकूप बंद रहने के कारण कैमूर के किसानों को धान का बिचड़ा डालने एवं रोपनी करने में सिंचाई की समस्या आड़े आएगी। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खरीफ व रबी सीजन में सूखे की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने नाबार्ड योजना के तहत गांवों में नलकूप लगवाया है, ताकि समय पर बारिश व नहर में पानी नहीं आने पर किसान नलकूप से फसल की सिंचाई कर सके। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कैमूर जिले में इस साल 1.41 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभिन्न कारणों से राजकीय नलकूप बंद रहने एवं फसल की सिंचाई के लिए किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण धान के उत्पादन में कमी आ सकती है। इधर, किसानों ने बताया कि सरकारी नलकूप बेकार होने के कारण फसल की सिंचाई में काफी परेशानी हो रही है। किसान संजय सिंह व उमेश मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की बैठक में हर बार बंद पड़े नलकूपों को चालू करने को लेकर जिलाधिकारी निर्देश देते हैं। लेकिन, विभाग द्वारा बंद पड़े सभी नलकूपों को चालू नहीं किया जाता है। लघु सिंचाई विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराब से 35, संयुक्त दोष से 29 एवं अन्य खराबी से 48 राजकीय नलकूप बंद हैं। इसकी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई है। नलकूप से फसल को कितना होगा फायदा भभुआ। विभागीय सूत्रों की माने तो एक ट्यूबवेल से खरीफ सीजन में 20 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। जबकि 10 हेक्टेयर भूमि में लगी रबी फसल की सिंचाई एक नलकूप से हो सकेगी। इसके अलावा नलकूप से गरमा फसल की भी सिंचाई होती है। विभागीय अफसरों की माने तो जिस नलकूप से नाला जुड़ा होगा, उस क्षेत्र की करीब 80 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। जाने क्या कहते हैं जिले के किसान भभुआ। चांद के मन्नू प्रसाद सिंह व परमानंद सिंह, गोईं के शिवपूजन राम, सिहोरिया के महेंद्र गुप्ता ने बताया कि 70 के दशक में चांद, सिहोरिया, जिगिना, गोई, शिव, चौरी गांव में राजकीय नलकूप लगा था। तब उक्त गांवों की करीब एक हजार हेक्टेयर भूमि सिंचिंत होती थी। कृषि विभाग इसी नलकूप की सिंचाई की बदौलत होनेवाले उत्पादन का रिकार्ड तैयार करता था। लेकिन, लघु सिंचाई विभाग की उदासीनता के चलते अधिकांश नलकूप बंद हो गए। स्थिति यह है कि असामाजिक तत्वों ने कहीं का मोटर तो कहीं का ट्रांसफार्मर और ईंट तक उठा ले गए। कोट कैमूर जिले के 226 में 112 नलकूप विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं। इनमें से तकनीकी खराब से 35, संयुक्त दोष से 29 एवं अन्य खराबी से 48 राजकीय नलकूप बंद हैं। संदीप कुमार, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई विभाग फोटो- 17 मई भभुआ- 4 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के सबार के इसी पंप हाउस से संचालित होता था राजकीय नलकूप, अब है बंद।

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