आयुक्त ने की किसानों के मुआवजा मामले की सुनवाई
कैमूर जिले के 48 मौजों के किसानों ने वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर न्यायालय में वाद दायर किया है। किसानों की सुनवाई भभुआ में की गई, जहां कुछ किसानों...

एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा के लिए किसानों ने दायर किया है वाद कलेक्टे्रट स्थित डीएम के न्यायालय कक्ष में आयुक्त ने की 48 मौजों के किसानों की सुनवाई भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। पटना प्रमंडलीय आयुक्त सह आर्बिट्रेटर शनिवार को कैमूर पहुंचे और कलेक्ट्रेट स्थित जिला दंडाधिकारी के न्यायालय कक्ष में कैमूर के किसानों के वाद की सुनवाई की। भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा की मांग को लेकर कैमूर जिले के 48 मौजा के किसानों ने आर्बिट्रेटर के न्यायालय में वाद दायर किया है। किसानों की सहूलियत को देखते हुए पटना की जगह भभुआ में सुनवाई की गई।
किसान उचित मुआवजा की मांग को लेकर काफी दिनों से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं। पहले आयुक्त ने 14 मई को मामले की सुनवाई की तिथि मुकर्रर की थी। लेकिन, किसी कारणवश सुनवाई की तिथि को बढ़ाकर 17 मई की गई। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ किसानों ने स्वयं आयुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखा। जबकि कुछ किसानों ने विद्वान अधिवक्ताओं के माध्यम से दस्तावेज को प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा। आयुक्त द्वारा बारी-बारी से किसानों के मामले की सुनवाई की जा रही है। समाचार लिखे जाने तक शाम 7:20 बजे तक सुनाई की प्रक्रिया चल रही थी। फोटो-17 मई भभुआ- 21 कैप्शन- समाहरणालय में डीएम कोर्ट में शनिवार की शाम एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान मामले की सुनवाई करते आयुक्त। फोटो-17 मई भभुआ- 22 कैप्शन- समाहरणालय में डीएम कोर्ट में शनिवार की शाम एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान मामले की सुनवाई में भाग लेते किसान।
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