अतिक्रमण व नाले का लेबल ठीक नहीं होने से जलनिकासी बाधित
भभुआ शहर में जलजमाव की समस्या गंभीर होती जा रही है, क्योंकि नगर परिषद के पास प्रशिक्षित मजदूरों की कमी है। पिछले 15 वर्षों में नालों का पुनर्निर्माण नहीं हुआ है, जिससे नागरिकों को बरसात में कठिनाइयों...

नालों की सफाई कराने के लिए नगर परिषद के पास नहीं हैं प्रशिक्षित मजदूर, सफाई कर्मियों से नालों की उड़ाही कराती है नप नप क्षेत्र में 15 वर्ष पहले मुख्य नालों का कराया गया था निर्माण भभुआ शहर में अब दो बड़े नालों के निर्माण की शुरू होगी प्रक्रिया (पेज चार की लीड खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। शहरवासी वर्षों से जलजमाव की समस्या झेल रहे हैं। सभापति बदले, अधिकारी बदले, वार्ड भी बदले, पर नहीं बदली तो जलनिकासी की व्यवस्था। शहर की आबादी बढ़ी, क्षेत्रफल बढ़ा, मानव बल बढ़े, पर पिछले डेढ़ दशक में पुराने नालों का पुनर्निर्माण नहीं हुआ। योजना बनी भी तो पुराने नाले को ही विस्तार करने की।
नालों का लेबल ठीक नहीं होना, एकसिरे से उड़ाही नहीं कराना और नालों के उपर अतिक्रमण कर कारोबार करना जलभराव का सबसे बड़ा कारण है। हालांकि अब दो पुराने नालों का पुनर्निर्माण की योजना पर काम करने की पहल शुरू की गई है। शहर में कुल 25 वार्ड हैं। इन वार्डों में करीब 70 हजार आबादी निवास करती है। लेकिन, जब नालों का निर्माण हुआ था, तब शहर की आबादी लगभग 45 हजार रही होगी। शहर के वार्ड 7, 13, 14, 15 और 24 में ज्यादातर मकान पुराने और सड़क व गली से ढाल में हैं। जब बारिश होती है तब इन वार्डों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कई लोगों के घरों में भी पानी घुस जाता है। एकता चौक के पास मुन्नी सिंह के कटरा के पीछे अधिक जलजमाव होता है। शहर के वार्ड एक व वार्ड 19 की नई बस्ती, वार्ड दो के हवाई अड्डा के आसपास, वार्ड सात की पुलिस लाइन रोड, कलेक्ट्रेट के पीछे व सामने की गली में भी वर्षा का पानी जमा हो जाता है। हालांकि अब नई बस्तियों में नाली-गली निर्माण की योजना बनी है। फिलहाल नालीविहीन बस्तियों के घरों से निकलने वाला पानी परती जमीन में जमा होता है। शहर के उदय सिंह, राजेश कुमार व अजय पांडेय बताते हैं कि बरसात में ऐसी बस्तियों के बच्चों को स्कूल पढ़ने जाने, महिलाओं को बाजार करने जाने, घर के बीमार सदस्यों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत होती है। जिनके पास दो चक्का की बाइक है, उन्हें दूसरे के घरों में रखनी पड़ती है। गलियों में जमा पानी से होकर आने-जाने वाले लोगों को जूता-चप्पल हाथ में लेकर आना-जाना पड़ता है। एकता चौक से उत्तर निकले नाले एवं कैमूर स्तंभ से पूरब बाईपास पथ का पानी कुकुरनहिया नहर में, एकता चौक से पुराना चौक के नाले का पानी व एकता चौक से पश्चिम की ओर निकले नाले का पानी सुवरा नहर में, हवाई अड्डा इलाके और पटेल चौक से पश्चिम चैनपुर पथ के नाले का पानी सुवरा नदी में गिरता है। इन इलाकों में हैं मुख्य नाले शहर के एकता चौक से पटेल चौक, पटेल चौक से सुवरा नदी तट, जयप्रकाश चौक से हवाई अड्डा होते हुए सुवरा नहर तक, एकता चौक से चौक बाजार वाले पथ में छोटकी पुल तक, एकता चौक से कलेक्ट्रेट होते हुए बबुरा तक, कैमूर स्तंभ से बाईपास होते हुए कुकुरनहिया नहर तक एवं सब्जी मंडी रोड से पंडा जी पोखरा होते हुए बाईपास तक नाले का निर्माण किया गया है, जिसके माध्यम से शहर में जलनिकासी का प्रबंध नगर परिषद द्वारा किया गया है। नालों में कचरा गिरा रहे हैं दुकानदार शहर के एकता चौक, पटेल चौक, जेपी चौक, समाहरणालय पथ, कचहरी पथ व इनके आसपास भोजन, नाश्ता, चाट, चाउमिन, छोला, भटूरा, चिकेन, मटन, अंडा, लिट्टी-चोखा, कपड़ा आदि की दुकानें हैं। कुछ दुकानदार तो पत्तल, कागज व गत्ता को इकट्ठा कर रात में जला देते हैं या कहीं दूर ले जाकर फेंक देते हैं। लेकिन, कुठ दुकानदार नाले में डाल देते हैं, जिससे नाला जाम हो जाता है और पानी की निकासी अवरूद्ध हो जाती है। जबकि उक्त चौक ऐसे हैं, जहां से मुख्य नाले गुजरे हैं। जब बारिश होती है, तब नाले का गंदा पानी ओवरफ्लो कर रास्ते में बहने लगता है। सीवर पाइप लाइन बिछी न डे्रनेज निर्माण की स्वीकृति मिली शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से उबारने के लिए नगर परिषद ने वर्ष 2023 में सीवर पाइप लाइन बिछाने की दिशा में पहल शुरू की थी। इसके लिए सर्वे भी कराया गया। लेकिन, काम शुरू नहीं हुआ। वर्ष 2018 में नगर परिषद ने शहर में ड्रेनेज निर्माण का प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा था। लेकिन, अब तक उसकी भी स्वीकृति नहीं मिल सकी। हालांकि नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर बुडा ने शहर के जगजीवन स्टेडियम से कैमूर स्तंभ तक दो नालों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है। कोट दो पुराने नालों के पुनर्निर्माण की स्वीकृति मिली है। बुडा द्वारा निविदा प्रकाशित की गई है। नई बस्तियों में भी नाली का निर्माण कराने की योजना पास हुई है। नाली की उड़ाही भी कराई जाएगी। अभी ड्रेनेज सिस्टम की स्वीकृति नहीं मिली है। विकास तिवारी बबलु, मुख्य पार्षद, नगर परिषद फोटो- 17 मई भभुआ- 3 कैप्शन- भभुआ शहर के समाहरणालय पथ में शनिवार को मिट्टी भरा दिखता ध्वस्त नाला।
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