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हड़ताल: जांच व इलाज कराने के लिए दौड़ लगाते रहे मरीज (पांच जगह पांच रिपोर्टर पेज तीन की लीड खबर)

कैमूर के चिकित्सकों ने कोलकाता घटना के विरोध में हड़ताल की। सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा ठप रही, जबकि इमरजेंसी सेवा चालू थी। 500 मरीज बिना जांच कराए लौट गए। निजी अस्पताल भी बंद रहे। चांद और चैनपुर के...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 17 Aug 2024 03:26 PM
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सरकारी व निजी अस्पताल के चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज रहे त्रस्त, ऑनलाइन पर्ची कटाने पर भी सामान्य मरीजों को नहीं मिली सेवा चिकित्सक से बिना स्वास्थ्य जांच कराए घर लौट गए सैकड़ों मरीज सदर अस्पताल के इमरजेंसी चिकित्सक पर मरीजों का बढ़ गया भार निजी अस्पताल की दोनों सेवाएं व सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा ठप भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कोलकाता के आरजी कर सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड ऑस्पिटल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के खिलाफ कैमूर के चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गैर-आपातकालीन सेवाओं (शनिवार की सुबह 6:00 बजे से रविवार की सुबह 6:00 बजे तक) को 24 घंटे के लिए बंद रखने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद कैमूर के चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी। हालांकि सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा चल रही थी, जहां के चिकित्सक पर मरीजों का भार बढ़ गया था। हालांकि ओपीडी के अन्य स्टॉफ अपनी सेवा दे रहे थे। चिकित्सकों की हड़ताल के कारण मरीजों को जांच व इलाज के लिए इधर से उधर दौड़ लगाते देखा गया। गांव-देहात से लंबी दूरी तय कर आए करीब 500 मरीजों को बिना स्वास्थ्य जांच कराए घर लौट जाना पड़ा। इससे मरीजों को वाहन किराया के साथ-साथ समय का भी नुकसान हुआ। परेशानी हुई वह अलग। कई मरीजों ने बताया कि निजी अस्पताल भी बंद है। कुछ अस्पतालों में स्टॉफ तो दिखे, पर चिकित्सक नहीं। लेकिन, कुछ मरीजों ने कहा कि वहां गंभीर मरीजों का प्राथमिक उपचार करने के बाद रेफर किया जा रहा था। सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित पर्ची काउंटर के पास महिला-पुरुष मरीजों की भीड़ लगी थी। वह टोकन लेकर चिकित्सक से स्वास्थ्य जांच कराने आए थे। टोकन मिलने के बाद वह चिकित्सक कक्ष के पास पहुंचे। लेकिन, वह बंद मिला। कुछ मरीज चिकित्सक के आने के इंतजार में बैठे रहे। जब उन्हें पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, तो वह धीरे-धीरे वहां से निकलने लगे। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं व गोद में बच्चे को लेकर स्वास्थ्य जांच कराकर दवा लेने आए परिजनों को हुई। इमरजेंसी में भी एक ही चिकित्सक मरीजों की जांच व इलाज करते दिखे। 35 किमी. दूर से आई चंदा भी लौट गई सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराकर दवा लेने के लिए लंबी दूरी तय कर मरीज पहुंचे थे। लेकिन, हड़ताल के कारण उन्हें बिना जांच व दवा के गांव लौट जाना पड़ा। चांद प्रखंड के बहेरिया की चंदा देवी ने बताया कि उसे अल्ट्रासाउंट कराना था। टोकन नंबर ले लिया है। लेकिन, डॉक्टर ड्यूटी में हैं। वह 35 किमी. की दूरी तय कर यहां आई है। उसने कहा कि बस का भाड़ा, समय सबकुछ चला गया। गांव में रहती तो कुछ काम करती। चंदा की तरह सैकड़ों मरीजों को वापस जाना पड़ा। हड़ताल का पता होता तो नहीं आते अस्पताल सदर अस्पताल के ओपीडी में शनिवार को काफी मरीजों ने टोकन लिया, लेकिन डॉक्टर की हड़ताल के कारण उनकी स्वास्थ्य जांच नहीं हो सकी। भगवानपुर प्रखंड के ओरगाई की मझारी देवी सीना में दर्द से पीड़ित थी। उसपर गाय ने हमला किया था। भभुआ वार्ड 16 दीपक कुमार कमर में दर्द से परेशान था। उरई की सुभद्रा देवी को हाथ में चोट लगी थी। उसे एक्स-रे करानी थी। वार्ड 23 की अफसरी खातून बुखार से पीड़ित थी। कसेर की शकुंतला देवी को गला में दर्द की शिकायत थी। लेकिन, किसी की स्वास्थ्य जांच नहीं हुई। मरीजों ने कहा कि हड़ताल के बारे में उन्हें पहले पता होता तो वह अस्पताल ही नहीं आते। टोकन लेकर चिकित्सक कक्ष के पास बैठी थीं महिलाएं महिला मरीज टोकन लेकर चिकित्सक कक्ष के बाहर लेडी डॉक्टर के आने के इंतजार में बैठी थीं। डॉटा इंट्री ऑपरेटर ड्यूटी में था। लेकिन, लेडी डॉक्टर नहीं आई थीं। जब मरीजों को हड़ताल के बारे में जानकारी दी गई, तो वह निराश हो गईं। भभुआ की शकंुतला देवी, बारे की काजल कुमारी, सोनाव की पुष्पा देवी, भभुआ की शशि बाला लेडी डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच कराने आई थीं। काजल ने बताया कि ऑपरेशन कर प्रसव हुआ था। पुष्पा आंतरिक रोग से पीड़ित थी। शशि बाला के बदन में दर्द की शिकायत थी। लेकिन, इन्हें भी बिना स्वास्थ्य जांच कराए लौट जाना पड़ा। चांद के ओपीडी में ढाई बजे तक 200 मरीजों की हुई जांच चांद। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांद में चिकित्सकों की हड़ताल का असर नहीं दिखा। यहां समय पर ओपीडी खुला और शाम 2:30 बजे तक 200 मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवाएं दी गई। डॉ. इल्ताफ ने बताया कि अभी तक मरीजों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। गंभीर मरीज के आने पर भर्ती कर इलाज किया जाएगा। प्रभारी चिकित्सक डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि हड़ताल आईएमए से जुड़े डॉक्टर किए हैं। इसमें भाषा संगठन से जुड़े चिकित्सक नहीं हैं। कोलकाता की घटना के खिलाफ हमलोग काली पट्टी बांध काम कर रहे हैं। रामपुर में भी ओपीडी में मरीजों की हुई जांच रामपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को ओपीडी समय से खुला और डॉ. चंदन कुमार ने अस्पताल में आए मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवाएं लिखीं। काउंटर पर मरीजों को दवाएं भी दी गई। डॉ. चंदन ने बताया कि शनिवार को ओपीडी में करीब 135 मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवाएं दी गई है। चार मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। दोपहर दो बजे तक कोई वैसा गंभीर मरीज नहीं आया, जिसे सदर अस्पताल में रेफर करना पड़ा हो। पीएचसी प्रभारी डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि हमारे यहां के चिकित्सक हड़ताल पर नहीं थे। अधौरा में बिना स्वास्थ्य जांच कराए लौटे मरीज अधौरा। प्रखंड मुख्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की हड़ताल के कारण कई समान्य रोग सर्दी, जुकाम, दर्द, बुखार के मरीजों की स्वास्थ्य जांच नहीं की जा सकी। इस कारण वह दवा लिए बिना अस्पताल से लौट गए। कुछ मरीज अपने घर लौट गए और कुछ मरीज बाजार की दुकानों से दवा लेकर गए अथवा झोलाछाप डॉक्टरों के पास गए। कोई वैसा मरीज यहां नहीं आए थे, जिन्हें रेफर किया जाए। स्वास्थ्य प्रबंधक दिनेश पाठक ने बताया कि इमर्जेंसी में छह मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया। चैनपुर में हड़ताल का नहीं दिखा असर चैनपुर। यहां के पीएचसी में हड़ताल का असर नहीं दिखा। चिकित्सक ओपीडी में आए मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवा दिए। शनिवार को ओपीडी में 250 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई। ड्यूटी में डॉ. राजीव रंजन ने मरीजों की जांच की। यह जानकारी चैनपुर पीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि चैनपुर और चांद अस्पताल में चिकित्सकों की सेवा जारी है। कोट कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद की गई हत्या क खिलाफ कैमूर जिले के सभी निजी अस्पतालों में ओपीडी व आपातकाल सेवाएं बंद हैं। सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं। लेकिन, किसी मरीज को इलाज के अभाव में मरने नहीं दिया जाएगा। हम अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉ. डीके सिंह मंटू, जिलाध्यक्ष, आईएमए कोट कोलकाता की घटना को लेकर चिकित्सक हड़ताल पर हैं। सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद है। इमरजेंसी में स्वास्थ्य जांच व इलाज किया जा रहा है। निजी अस्पताल भी बंद रहने से इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों को अन्य सेवाएं भी दी जा रही हैं। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल कोट सिर्फ सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बंद है। एंबुलेंस से गंभीर मरीज बाहर भेजे जा रहे हैं। सभी चिकित्सक अस्पताल परिसर में ही हैं। इमरजेंसी में आए मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। शाम 3:00 बजे तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। डॉ. अरविंद कुमार, प्रभारी उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 17 अगस्त भभुआ- 1 कैप्शन- चिकित्सक की हड़ताल के दौरान शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टर के इंतजार में बैठे मरीज। फोटो- 17 अगस्त भभुआ- 2 कैप्शन- चिकित्सक की हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं होने से शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में ऑनलाइन नंबर लगाते मरीज। फोटो- 17 अगस्त भभुआ- 3 कैप्शन- चिकित्सक की हड़ताल के दौरान शनिवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी में मरीजों की स्वास्थ्य जांच करते चिकित्सक। फोटो- 17 अगस्त भभुआ- 5 कैप्शन- चिकित्सक की हड़ताल के दौरान शनिवार को स्वास्थ्य जांच नहीं होने पर सदर अस्पताल से लौटते मरीज।

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