स्कूलों को ब्रॉड बैंड से जोड़ने की योजना दो माह से बंद (युवा पेज की लीड खबर)
शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में ब्रॉडबैंड लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह पिछले दो महीनों से बंद है। केवल 25 स्कूलों में ब्रॉडबैंड सेवा लागू की जा सकी है। 1368 विद्यालयों में से 613 प्राथमिक,...
शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉड बैंड लगाने का दिया था निर्देश विभाग ने बीबीएनएल को दी थी विद्यालयों में ब्रॉडबैंड लगाने की जिम्मेवारी बीबीएनएल ने 25 स्कूलों में ब्रॉडबैंड पर काम करने के बाद कर दिया बंद ग्राफिक्स 613 प्राथमिक विद्यालयों में दिया जाना था कनेक्शन 529 माध्यमिक विद्यालयों को मिलनी थी ब्रॉड बैंड सेवा 166 हाई स्कूल को नेटवर्क कनेक्शन देने की थी योजना भभुआ, एक प्रतिनिधि। सरकारी विद्यालयों को ब्राडबैंड सेवा से जोड़ने की योजना दो माह से बंद पड़ी है। इस कारण ऑनलाइन सेवा नहीं मिल सकी। सिर्फ 25 विद्यालयों को ही इस सेवा से लैस किया जा सका। शिक्षा विभाग ने जिले के प्राथमिक मध्य उच्च एवं उच्च तक माध्यमिक विद्यालयों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ब्रॉडबैंड लगाने की योजना बनाई थी, जिसकी जिम्मेदारी दूरसंचार निगम लिमिटेड की पहल पर भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड को दी गई थी। इस कार्य में बीबीएनएल को लगाया गया था और देखरेख करने की जिम्मेवारी बीएसएनएल को दी गई थी। बीबीएनएल ने ब्रॉडबैंड लगाने की योजना में विद्यालयों तक फाइबर लिंक करने की जिम्मेवारी सीएसई कंपनी को दी थी। सीएसई कंपनी ने 25 विद्यालयों में ब्रॉडबैंड लगाया। इसके बाद ब्रॉडबैंड लगाने का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया। बीएसएनएल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अधौरा प्रखंड को छोड़कर शेष सभी प्रखंडों में फाइबर लिंक करने के लिए पाइप बिछाई गई है। बीबीएनएल ने ब्रॉडबैंड सेवा को लेकर आईसीई कंपनी का गठन किया था, जिसके माध्यम से जिले में कार्य कराया गया। बताया गया है कि जिले के सभी पंचायत मुख्यालय सीएसई कंपनी ने फाइबर लिंक लगाया है। लगभग 97-98 फीसदी कार्य कर दिया है। लेकिन, जहां तक फाइबर लिंक लगाया गया है, वहां से कुछ विद्यालयों की दूरी ज्यादा है। इंटरनेट के तार ऊपर से ले जाना है। ऐसे में इंटरनेट सेवा के बाधित होने की हमेशा संभावना बनी रहेगी। इसे लेकर योजना का कार्य बंद कर दिया गया है। जानकारों की माने तो ब्रॉडबैंड की योजना लगभग दो माह से बंद पड़ हुई है। जब विद्यालयों में ब्राडबैंड सेवा शुरू करने को ले पहल की गई, तो शिक्षक व छात्र सभी उत्साहित थे। शिक्षक अरुण कुमार व मनोज सिंह ने बताया कि विद्यालयों में चल रही योजनाओं की जानकारी मोबाइल के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दी जाती है। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की कमी होने की वजह से जानकारी देने में असुविधा होती है। स्कूल में ब्रॉडबैंड होने से आसानी से सभी जानकारी ऑनलाइन दी जा सकती थी। लेकिन, यह सेवा बंद कर दी गई। बीएसएनएल के अधिकारियों ने बताई है परेशानी बीबीएनएल ने सीएसई कंपनी के सहयोग से जिले के ग्रामीण इलाकों में फाइबर लिंक कराया है। लेकिन, जहां तक फाइबर लिंक हुआ है, वहां से कुछ विद्यालय एक किमी. तो कुछ चार से पांच किमी. की दूरी पर हैं। ऐसे में ऊपर से इंटरनेट का तार ले जाने में तार क्षतिग्रस्त होगी और इंटरनेट सेवा बाधित होने की संभावना बनी रहेगी। अफसरों ने बताया कि पहली सूची में 75 विद्यालय शामिल थे, जहां ब्राडबैंड सेवा शुरू करनी थी। यह सेवा 25 विद्यालयों में शुरू की गई। लेकिन, 50 विद्यालय की दूरी अधिक थी, जहां कनेक्शन देना मुश्किल था। इसलिए निगम ने इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया। जिले के 1368 विद्यालयों में देना था कनेक्शन जिले के 1368 विद्यालयों में ब्रॉड बैंड कनेक्शन दिए जाना था। इसमें प्राथमिक विद्यालयों में 613, माध्यमिक विद्यालयों में 529 और उच्च विद्यालयों में 166 कनेक्शन देने की बात कही गई थी। इस कार्य की जिम्मेवारी केन्द्र सरकार की अधिकृत संस्था बीबीएनएल को दी गई थी। बीबीएनएल ने इस काम में सहयोग के लिए सीएससी और एसपीवी को लगाया। इस कंपनी द्वारा जिले के सभी विद्यालयों में फाइबर लिंक लगाना था। लेकिन, सिर्फ 25 विद्यालयों में ही ब्रॉडबैंड का कनेक्शन दिया जा सका। ऑनलाइन काम को मिलती गति ब्रॉडबैंड सेवा शुरू होने से ऑनलाइन काम को गति मिल सकती थी। विभागीय बैठकों के अलावा राज्य व केन्द्रीय अधिकारियों द्वारा वीसी के माध्यम से शिक्षा विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी विद्यालयों को दी जाती है। कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाती है। नेटवर्क कनेक्शन नहीं होने की वजह से एचएम या उनके प्रतिनिधि को शिक्षा विभाग कार्यालय में जाकर जानकारी लेनी पड़ती है। विद्यालयों में ब्रॉड बैंड सेवा उपलब्ध होने से सभी शिक्षक आसानी से जानकारी ले लेते। अगर कोई रिपोर्ट भेजनी हो तो उसे आसानी से मुख्यालय के कार्यालय में भेजी जा सकती है। योजनाओं की जल्द मिल जाती जानकारी विद्यालय में संचालित होने वाली एमडीएम, छात्रवृत्ति, पुस्तक, पोशाक, साइकिल योजना की राशि की उपयोगिता की जानकारी विद्यालयों को या तो पोर्टल या फिर पत्र के माध्यम से विभाग को देनी पड़ती है। अगर ब्रॉड बैंड सेवा की सुविधा रहती तो एचएम और शिक्षकों को काफी सुविधा हो सकती थी। शिक्षक हर रोज की रिपोर्ट विद्यालयों में ब्रॉड बैंड सेवा के माध्यम से दे सकते थे। सिर्फ रामपुर, कुदरा व भगवानपुर के 25 स्कूल जुड़े जिले में अधौरा प्रखंड को छोड़कर भभुआ, चैनपुर, चांद, भगवानपुर, रामपुर, मोहनियां, कुदरा, रामगढ़, नुआंव व दुर्गावती प्रखंडों के विद्यालयों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना थी। विभाग की ओर से पहले चरण में रामपुर, भगवानपुर, कुदरा आदि प्रखंडों के 75 विद्यालय की सूची दी गई थी। सूची के अनुसार, बीएसएनएल की ओर से रामपुर, भगवानपुर एवं कुदरा के 25 विद्यालयों में ब्रॉडबैंड की सुविधा मुहैया कराई गई है। कोट विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने की योजना बनाई गई थी। बीएसएनएल द्वारा कुछ विद्यालयों में ब्रॉडबैंड सेवा के लिए कनेक्शन दिए गए है। भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा इस योजना पर काम बंद करने की जानकारी शिक्षा विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। अमरेंद्र पांडेय, डीपीओ, एसएसए कोट जिले के प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों को ब्रॉड बैंड से जोड़ने की योजना बनी थी। जिले के 25 विद्यालयों में कनेक्शन दिए गए हैं। लेकिन, दूरी वाले स्कूलों में ब्रॉडबैंड का कनेक्शन देने में तार के क्षतिग्रस्त होने व नेट काम नहीं करने की आशंका को ले योजना बंद कर दी गई है। सतीश कुमार, मंडल अभियंता, बीएसएनएल फोटो-10 सितंबर भभुआ- 6 कैप्शन- भभुआ शहर के भगवानपुर पथ में स्थित बीएसएनएल कार्यालय का भवन।
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