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आठ साल बाद अस्पताल से मरीजों को मिला कफ सिरप (हिन्दुस्तान खास/पेज तीन की लीड खबर)

बिहार में 2016 में शराबबंदी के बाद सरकारी अस्पतालों में कफ सिरप की आपूर्ति बंद कर दी गई थी। अब आठ साल बाद, सरकार ने फिर से खांसी के मरीजों के लिए कफ सिरप की आपूर्ति शुरू की है। मरीजों ने बाजार से...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 23 Oct 2024 09:01 PM
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बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू करने के बाद सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बंद करा दी थी कफ सिरप की आपूर्ति काउंटर से कफ सिरप मिलने से खांसी पीड़ित मरीजों को मिली काफी राहत भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सरकारी अस्पतालों में आठ वर्षों बाद खांसी पीड़ित मरीजों को कफ सिरप मिलना शुरू हुआ। बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सरकार ने सरकारी अस्पतालों में कफ सिरप की आपूर्ति बंद करा दी थी। क्योंकि खांसी के कफ सिरप में अल्कोहल होता है। सरकार को रिपोर्ट मिली कि नशेड़ी शराब की जगह कफ सिरप पी रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में भले ही कफ सिरप की आपूर्ति बंद थी, पर निजी दुकानों पर कफ सिरप बिक रहा था, जिसे महंगे दामों पर खरीदकर मरीज काम चला रहे थे। लेकिन अब आठ वर्षो बाद सरकार ने अस्पतालों में खांसी पीड़ितों के लिए कफ सिरप की आपूर्ति शुरू कराई है। सदर अस्पताल के ओपीडी दवा काउंटर पर बुधवार को सूखी खांसी के मरीजो के लिए डेस्टो कफ सिरप व सामान्य खांसी वाले मरीजों के लिए ब्रोम हेक्ससिन कफ सिरप वितरण किया जा रहा था। सदर अस्पताल में बुधवार को मिली खांसी पीड़िता अखलासपुर गांव की सीता देवी व मोकरी की उर्मिला देवी ने बताया कि जांच के बाद डॉक्टर की पर्ची दिखाने पर काउंटर से उन्हें खांसी का सिरप मिला है। मरीजों ने बताया कि पहले खांसी होने पर उन्हें बाजार की दुकानों से खांसी का सिरप खरीदना पड़ता है। खांसी के मरीजों को सदर अस्पताल के काउंटर से पहले एंटीबायोटिक एजोथ्रोमाइसिन, सिट्रीजीन व खांसी के साथ बुखार रहने पर पारासिटामोल टाबलेट दिया जाता था। एंटीबायोटिक दवा से खांसी के मरीजों को जल्द राहत नहीं मिलती थी। कफ सिरप के साथ दे रहे हैं एंटीबायोटिक भभुआ। सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराने आए खांसी के मरीजों को चिकित्सक द्वारा कफ सिरप के साथ एंटीबायोटिक दवा भी पर्ची पर लिख रहे हैं। चिकित्सक का कहना है कि सिरप के साथ एंटीबायोटिक टाबलेट खाने से खांसी में जल्द राहत मिली है। पहले सिरप की आपूर्ति बंद थी। इसलिए हमलोग कफ सिरप नहीं लिखते थे। लेकिन, मरीज अपने मन से बाजार की दुकानों से कफ सिरप खरीदकर पी रहे थे। अब उन्हें बाजार से कफ सिरप खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पर्ची के अनुसार, फार्मासिस्ट कफ सिरप के साथ एंटीबायोटिक टाबलेट मरीजों को दे रहे हैं। हि.प्र. रोजाना औसतन 120 खांसी पीड़ित आ रहे सदर अस्पताल भभुआ। सदर अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीज स्वास्थ्य जांच व इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें से रोजाना औसतन 120 व्यक्ति खांसी से पीड़ित रह रहे हैं। इनमें करीब 50 महिला व 50 पुरुष और 20 बच्चे शामिल रह रहे हैं। मौसम में हो रहे नित्य बदलाव के कारण लोग सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, उल्टी, दस्त के मरीज आ रहे हैं। ओपीडी के काउंटर पर दवा लेने वाले मरीजों की कतार लग रही है। हालांकि उक्त रोग की दवाएं काउंटर पर उपलब्ध हैं। हि.प्र. कोट सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित दवा काउंटर पर खांसी पीड़ितों के लिए दो तरह के कफ सिरप उलब्ध हैं। एक सूखी खांसी व दूसरा बलगम के लिए। दोनों कफ सिरप के साथ एंटीबायोटिक का वितरण मरीजों के बीच किया जा रहा है। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 23 अक्टूबर भभुआ- 6 कैप्शन- सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित काउंटर से बुधवार को दवा प्राप्त करने के लिए कतार में खड़े महिला-पुरुष मरीज।

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