बेगूसराय सदर समेत सात प्रखण्डों में सीडीपीओ के पद रिक्त
डीएम की नाराजगी के बाद भी दो सीडीपीओ पर आईसीडीएस के अधिकारी मेहरबान सराय, निज प्रतिनिधि। जिले के 19 सीडीपीओ में से बेगूसराय सदर के अलावा छह प्रखंडों में सीडीपीओ के पद रिक्त हैं। इन छह ब्लॉकों में...
बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। जिले के 19 सीडीपीओ में से बेगूसराय सदर के अलावा छह प्रखंडों में सीडीपीओ के पद रिक्त हैं। इन छह ब्लॉकों में प्रभार के भरोसे सीडीपीओ कार्यालय संचालित हो रहा है। आईसीडीएस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय ग्रामीण में शैलजा सीडीपीओ हैं। इन्हें मटिहानी, शाम्हो-अकहा-कुरहा व बेगूसराय सदर जबकि अंजना कुमारी को चेरियाबरियारपुर के अलावा बखरी, बछवाड़ा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इन दोनों सीडीपीओ पर आईसीडीएस के आला अधिकारी आखिरकार इतना मेहरबान क्यों हैं, यह बात समझ से परे है। बताया जा रहा है कि इन दोनों सीडीपीओ की कार्यशैली से पूर्व के डीएम खुश नहीं थे। बताया जा रहा है कि एक ऐसी भी सीडीपीओ हैं जिन्होंने आठ बजे रात में आंगनबाड़ी केंद्र की जांच रिपोर्ट भेजकर विभाग की खूब किरिकरी करायी। उसके बाद भी वैसे सीडीपीओ पर आईसीडीएस की मेहरबानी राज्यभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। डीपीओ कार्यालय के अनुसार प्रतिमा आचार्य को तेघड़ा के अलावा भगवानुपर व दर्शना कुमारी को खोदावंदपुर के अलावा छौड़ाही का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि, संगीता कुमारी साहेबपुरकमाल, रश्मि कुमारी बलिया, अपर्णा डंडारी, मोनिका रानी नावकोठी, प्रीति कुमारी को बरौनी, नितेश कुमार वीरपुर, अनूप जायसवाल गढ्पुरा व मो. मेहताब ग्यास मंसूरचक के सीडीपीओ हैं। जहां कुपोषण अधिक वैसे प्रखंडों में सीडीपीओ नहीं शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण, गरीबी, पिछड़ापन अधिक होता है। लेकिन, कुपोषण को दूर भगाने का जिम्मा जिस आईसीडीएस के पास है, उसके अधिकारियों की ग्रामीण क्षेत्र वाले प्रखंड में नियुक्ति ही नहीं की गयी है। जहां कुपोषण है वहां फुल फलेज रूप से अधिकारी की तैनाती नहीं की गयी है। डीपीओ कार्यालय के रिपोर्ट के अनुसार मटिहानी, शाम्हो-अकहा-कुरहा, बखरी, बछवाड़ा, भगवानुपर, छौड़ाही प्रखंड में बाल विकास परियोजना कार्यालय प्रभार के भरोसे ही संचालित है।
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