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आरटीआई कानून से 38 वर्ष बाद मिली एनएससी की राशि

बरौनी के 70 वर्षीय चिकित्सक डॉ. एसआर राय को आरटीआई कानून के माध्यम से 38 वर्षों के बाद भारतीय डाक विभाग से ₹79,972 का लाभ मिला। उन्होंने 1986 में बचत पत्र खरीदा था, जो बाद में खो गया था। आरटीआई...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायThu, 19 Sep 2024 02:12 PM
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बरौनी,निज संवाददाता। आरटीआई कानून से एक सेवानिवृत्त चिकित्सक को 38 वर्षों के बाद उन्हें व उनके पुत्र को भारतीय डाक विभाग से 79,972 रुपए का लाभ मिला है। इससे वर्षों से परेशान उक्त चिकित्सक को बड़ी राहत मिली है। शोकहारा-दो डेयरी रोड स्थित एक निजी क्लीनिक के 70 वर्षीय फिजिशियन डॉ. एसआर राय ने बताया कि गत वर्ष 1986 में जब वे गया में पदस्थापित थे तो उन्होंने मुख्य डाकघर गया से 26 जून 86 में अपने व अपने एक नाबालिग पुत्र शिरीश कुमार के नाम से पांच पांच हजार रुपए का दो राष्ट्रीय बचत पत्र छह साल अवधि के लिए क्रय किया था। 31 दिसंबर 1986 को उन्होंने शोकहारा स्थित गांधी दातव्य औषधालय यानी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के रूप में अपना योगदान दिया था। 31 जुलाई 2020 को वे सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने बताया कि जब वे गया में थे और वहां से रोहतास जिला अंतर्गत दिनारा में चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थापित हुए। फिर वहां से शोकहारा बरौनी स्थानांतरण के क्रम में उनका उक्त दोनों बचत पत्र कहीं रखा गया था जो काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिला। सेवानिवृत्ति होने के बाद एक संचिका में वह कागजात उन्हें सुरक्षित रखा मिला। जब उन्होंने मुख्य डाकघर गया से संपर्क कर उसे भुगतान करने का आग्रह किया तो वे अधिक पुराना होने के कारण उसका भुगतान करने से साफ इनकार कर दिया। बाद में उन्होंने इस संबंध में डाक अधीक्षक गया, निदेशक डाक व संचार मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली तक पत्राचार कर भुगतान के लिए गुहार लगाई। तब भी कोई फलाफल व परिणाम नहीं हो सका। अंत में उन्होंने थक हार कर स्थानीय आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश प्रसाद गुप्ता की मदद से निदेशक, भारतीय डाक विभाग, डाक भवन नई दिल्ली,चीफ पोस्टमास्टर जनरल, बिहार सर्किल पटना व डाक अधीक्षक गया को तीन आरटीआई आवेदन दिया। नतीजतन डाक विभाग में हडकंप मच गया और आनन फानन में अक्टूबर 2023 में वरीय डाक अधीक्षक गया ने वर्ष 1986 में खरीदे गए उक्त दोनों राष्ट्रीय बचत पत्र को भुगतान हेतु डाकघर गया में जमा करने की स्वीकृति प्रदान की। डा. राय ने बताया कि सूचना मिलने पर उन्होंने 29 मार्च 2024 को कागजात जमा कर दिया जिसका भुगतान उन्हें जुलाई 2024 को चेक के माध्यम से प्राप्त हुआ।

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