जनता की भावना के अनुसार ही अपनी बात रखते थे पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव
पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव का राजनीतिक जीवन जेपी आंदोलन से शुरू हुआ था। उन्होंने 1980 में विधानसभा चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा। समय के साथ, वे राजद के गार्जियन बने और कई चुनावों में सफलता...
साहेबपुरकमाल, निज संवाददाता। पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव का राजनीतिक जीवन जेपी आंदोलन से ही शुरू हुआ था। सामान्य परिवार के श्रीनारायण यादव जेपी आंदोलन के दौरान मुंगेर में छात्र राजनीति में अपनी भागीदारी देते रहे। इसी क्रम में लोकदल में शामिल हुए और पहली बार 1980 में विधानसभा स्तरीय राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1980 में वे पहली बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। तब उन्होंने रामलखन यादव को पराजित किया था। लोग बताते हैं कि वे सधे वक्ता थे और जनता की भावना के अनुसार ही अपनी बात रख लोगों को आकर्षित करते थे। जनता को हमेशा मालिक शब्द से संबोधित कर अपने भाषण की शुरुआत उन्हें सबसे अलग बनाता था। कालांतर में राज्य की राजनीति में लगातार उनकी कद बढ़ता गया और बेगूसराय में राजद के गार्जियन के तौर पर लोग उन्हें बुलाने लगे। इसके बाद 1985 व 1990 में कांग्रेस के समसू जोहा को हराया। कहा जाता है कि 1995 का चुनाव तब के बलिया और आज के साहेबपुरकमाल विधानसभा क्षेत्र के लिए बेहद दिलचस्प था। तब क्षेत्र के चर्चित समाजसेवी कृष्ण मोहन यादव उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे। लेकिन, इस चुनाव में भी अपने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए जीत हासिल की। कमोबेश यही स्थिति वर्ष 2000 में लोगों को देखने को मिली और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जदयू के तनवीर हसन को कड़े मुकाबले में पराजित कर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2005 में जब राज्यभर में नीतीश की लहर थी और बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ उस समय भी श्रीनारायण यादव ने साहेबपुरकमाल विधानसभा क्षेत्र में राजद से अपनी जीत का रिकार्ड कायम रखा और लोजपा के जमशेद अशरफ को मात दी। इसी वर्ष हुए मध्यावधि चुनाव में वे लंबे अर्से बाद जदयू के जमशेद अशरफ से चुनाव हारे। उनकी हार का यह दौर वर्ष 2010 में भी जारी रहा और एक फिर वे लगातार दूसरी बार जदयू की परवीन अमानुल्लाह से चुनाव हार गये। परवीन अमानुल्लाह के विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफे के बाद एक फिर रिक्त हुई साहेबपुरकमाल विधानसभा सीट पर वर्ष 2014 में लोकसभा के साथ विधानसभा सीट का उपचुनाव हुआ। एक बार फिर वह उपचुनाव में जीत हासिल कर अपनी राजनीति का लोहा मनवाने में कामयाब रहे। इस चुनाव में जदयू से भाजपा में आकर चुनाव लड़ रहे अमर कुमार सिंह को हराया। इसके बाद वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के मो. असलम को पराजित कर विधानसभा चुनाव पहुंचे। उक्त आंकड़े बताते हैं कि साहेबपुरकमाल विधानसभा क्षेत्र की राजनीति की चर्चा पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव के बिना अधूरी रहेगी। वे वर्ष 1990 से 2005 तक लालू व राबड़ी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के तौर शपथ ग्रहण कर राज्य की राजनीति में अपने राजनीतिक कौशल की छाप छोड़ते रहे। कहा जाता है कि जब जनता दल में टूट हुई और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद बना तो वे लालू प्रसाद यादव के साथ रहकर उनके सिपहसलार बने रहे।
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