Hindi Newsबिहार न्यूज़बेगूसरायDurga Puja Celebrations Begin in Begusarai with Devotees flocking for Darshan

शहर के 25 में दस मंडप का खुला पट, दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

लीड... आकर्षक सजावट। फोटो नं.15,शहर के डमरूलाल मंडप में श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी स्थापित मां की

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायWed, 9 Oct 2024 07:50 PM
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बेगूसराय, हमारे संवाददाता। शहर में 25 पूजा समिति में दस पूजा समिति द्वारा स्थापित मां का दुर्गा का जागरण बुधवार करने के बाद मंडप का पट खोल दिया गया। इसके बाद मां भवानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। माता के जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। इस दौरान के भजन-कीर्तन पर श्रद्धालुओं झूमते नजर आए। इधर, शहर के स्टेशन रोड स्थित लहेरी धर्मशाला दुर्गा पूजा समिति के उपाध्यक्ष सह पूजा महासमिति के महासचिव आलोक कुमार मुन्ना ने बताया कि कुछ पहले पूजा समिति द्वारा 25 दुर्गा पूजा समिति 22 दुर्गा पूजा समिति व आठ ब्राह्मणों के साथ बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर में बैठक हुई थी। इसमें सर्व सम्मति से 9 अक्टूबर को माता का जागरण, 11 को हवन व 13 अक्टूबर को मां की प्रतिमा का विसर्जन का निर्णय लिया गया। निर्णय के बाद महासिमित के निर्णय के बाद पम्पलेट छपवाया गया। शहर में माइकिंग करायी गई। साथ ही जिला प्रशासन को पूजन कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके कुछ बाद कुछ ब्राह्मण व कुछ पूजा समिति ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद वे व महासमिति के अध्यक्ष राम रतन कुमार ने महासमिति को भंग कर दिया। इसके बाद लहेरी धर्मशाला में बैठक हुई। इसमें शहर के दस पूजा समिति के सदस्य व चार ब्राह्मणों ने भाग लिया। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हमलोग 9 अक्टूबर को माता का जागरण करेंगे। इस संबंध में पूजा महासमिति के संरक्षक ब्रजेश कुमार प्रिंस ने बताया कि यह शुभ नहीं है, क्योंकि सप्तमी आज सूर्य अस्त बाद प्रवेशकर गुरुवार को 11 बजे दिन तक रहेगा। इस दौरान माता का जागरण करना शुभ नहीं है। इसलिए शेष माता का जागरण हमलोग गुरुवार को करेंगे। पट खुलने वालों मंडपों में वैषणीवी दुर्गा स्थान चट्टी रोड, सार्वजनिक धर्मशाला गोला रोड रतनपुर,डमरूलाल दुर्गा स्थान सब्जी बाजार, दुर्गा पूजा समिति मारवाड़ी मोहल्ला, नव कल्याण चेतना दुर्गा पूजा समिति विवेकानंद चौक, वरदायनी दुर्गापूजा समिति गांधी चौक आदि शामिल हैं। भक्तों पर देवी कालरात्रि की हमेशा बनी रहती है कृपा नावकोठी, निज संवाददाता। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन माता के कालरात्रि स्वरूप की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। पुरानी दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित केदार पाठक ने कहा कि देवी कालरात्रि को मां दुर्गा के नौ अवतारों में बहुत ही क्रोधी देवी माना जाता है क्योंकि जब-जब धरती पर पाप बढ़ जाता है तो देवी कालरात्रि का अवतार लेकर पापियों का संहार करने के लिए आती हैं। देवी कालरात्रि को अंधकार की देवी भी कहा जाता है लेकिन देवी कालरात्रि केवल दुष्टों का ही संहार करती हैं। अपने भक्तों और अच्छे मनुष्यों पर देवी कालरात्रि की कृपा हमेशा बनी रहती है। जो भी भक्त देवी कालरात्रि की पूजा करता है उसे अकाल मृत्यु का खतरा नहीं रहता। आश्विन शारदीय नवरात्रि में अष्टमी एवं नवमी दोनों का व्रत पूजन 11 अक्टूबर होगा नावकोठी।इस बार नवरात्रि अष्टमी एवं नवमी दोनों व्रत को लेकर आम जनमानस में भ्रांति है। उसी भ्रांति को निवारण हेतु निर्णय सागर सहित समस्त ग्रंथ कारों ने एक स्वर में जो निर्णय दिया है कि नवमी युक्त अष्टमी और अष्टमी युक्त नवमी साधकों की समस्त कामनाओं की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली होती है। ये बातें सती मंदिर के पुजारी आचार्य माधव पाठक ने कहीं। उन्होंने कहा कि समस्त धार्मिक ग्रंथो में शुक्ल पक्ष की अष्टमी नवमी युक्त सर्वश्रेष्ठ बताई गई है और दशमी युक्त नवमी को विद्वत ने स्वीकार नहीं किया है। इसलिए इस वर्ष अष्टमी और नवमी दोनों का व्रत एक दिन ही 11अक्टूबर शुक्रवार को होगा। किसी भी प्रकार के भ्रम करने की आवश्यकता नहीं है। अष्टमी और नवमी दोनों का व्रत 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को ही होगा।उसी दिन हवन कन्या भोज आदि होगा और जो साधकगण नवमी को व्रत का पारण करते रहे हैं वे लोग भी 12 अक्टूबर दशहरा वाले दिन ही पारण करेंगे। नावकोठी में दुर्गा पूजा को लेकर बढ़ी बाजारों की रौनक नावकोठी,निज संवाददाता। प्रखंड में दुर्गा पूजा को लेकर बाजार में चहल पहल बढ़ गयी है। कपड़े,जूते चप्पल , श्रृंगार,पूजा पाठ आदि दुकानों में काफी भीड़ देखी जा रही है। नावकोठी में एक मात्र मुख्य बाजार रहने के कारण यहां काफी भीड़ होती है।इस कारण बाजार की मुख्य सड़क भीड़ भरी हो जाती है। साइकिल,बाइक ई रिक्शा के कारण जाम का नजारा हो जाता है। नावकोठी बाजार स्थित मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर है। संध्या आरती को लेकर यहां काफी भीड़ जुट जाती है।मेले को लेकर दुकानों को भी सजाया जा रहा है।नावकोठी में तीन स्थानों में प्रतिमा स्थापित कर मेला लगाया जाता है।नावकोठी क्षेत्र में एक मात्र बाजार होने के कारण यहां काफी भीड़ होती है। प्रखंड के आठ स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। यहां मेले भी लगाया जाता है। नावकोठी में तीन दुर्गा मंदिर हैं। इनमें पुरानी दुर्गा मंदिर, नावकोठी बाजार स्थित वैष्णवी दुर्गा मंदिर तथा एपीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैदान स्थित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है। यहां मेले की तैयारी जोरों पर है। वहीं वृन्दावन में एक मात्र दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है। यहां की अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता बेमिसाल है।देश के विभिन्न राज्यों से पहलवान आते हैं। यहां दर्शकों के मनोरंजन के लिए विदेशिया नाच की व्यवस्था की गयी है। छतौना में भी दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। गौरीपुर, देवपुरा, पीरनगर में दुर्गा पूजा के अवसर पर प्रतिमा स्थापित कर भव्य मेला का आयोजन होता है। इसके अलावा डंडारी प्रखंड के उत्तरी कटरमाला (सिसौनी) में दो दुर्गा मंदिरों में प्रतिमा स्थापित कर भक्तिभाव से पूजा अर्चना की जाती है। यहां मेला का भी आयोजन होता है। सातवें दिन कालरात्रि माता की हुई अराधना बीहट। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा अर्चना की गई। माता के दस स्वरूप की आरधना से मनुष्य को हर प्रकार की सिद्धि की प्राप्ति होती है। पूजन व आरती को लेकर क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में काफी भीड़ देखी गई। सिद्धपीठ बीहट बड़ी दुर्गा मंदिर में माता के विभिन्न स्वरूप की झांकि निकालकर पूजन व आरती की जा रही है। मंदिर के पंकज फलाहारी ने बताया कि इस मंदिर में देवी जागरण 10 अक्टूबर को होना है। (नि.सं.) जगह-जगह बन रहे भव्य पूजा पंडाल व तोरण द्वार बीहट। दुर्गा पूजा को लेकर बीहट नप तथा बरौनी अंचल क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा पूजा समिति के द्वारा भव्य पूजा पंडाल तथा तोरण द्वार का निर्माण किया जा रहा है। बीहट चांदनी चौक पर रिफाइनरी नवदुर्गा पूजा समिति तथा बीहट चांदनी चौक पूजा समिति के द्वारा भव्य तोरण द्वार बनाये गये हैं। बीहट चांदनी चौक दुर्गा पूजा समिति के पंकज कुमार सिंह ने बताया कि दर्शन, पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो, इसका समिति विशेष रूप से ध्यान रखेगी। 11 और 12 अक्टूबर को दो दिनों के मेले के उपरांत 12 अक्टूबर को ही प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा।

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