मंझौल: मवेशी अस्पताल की बदहाली से पशुपालकों में रोष
मंझौल का पशु चिकित्सालय जर्जर हो गया है, जिससे पशुपालकों में रोष है। बरसात में जलजामाव के कारण अस्पताल परिसर तालाब जैसा हो जाता है, जिससे लोगों को प्रवेश में कठिनाई होती है। स्थानीय लोगों का कहना है...
मंझौल, एक संवाददाता। अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय मंझौल का पुराना भवन काफी जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो गया है। मवेशी अस्पताल की बदहाली से पशुपालकों में रोष व्याप्त है। अस्पताल परिसर बरसात में जलजामाव के कारण तालाब की तरह दिखता है। अस्पताल परिसर में एक फीट से अधिक जलजमाव हो जाता है। जलजामाव के कारण लोगों को मवेशी अस्पताल में प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार जल जमाव एवं जंगल झाड़ के कारण अस्पताल परिसर में सांप निकलते रहते हैं। अस्पताल परिसर में साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल के सामने कूड़े के ढेर के कारण पड़ोस के लोगों को भी परेशानी होती है। दानकर्ता परिवार के सदस्य चंद्रचूड़ सिंह ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए लगभग 2 वर्ष पूर्व लोगों ने बिहार सरकार के तत्कालीन पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी से अस्पताल का निरीक्षण कराया था लेकिन आश्वासन के बावजूद अस्पताल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अस्पताल की दुर्दशा से दानकर्ता परिवार के सदस्य चंद्रचूड़ सिंह एवं स्थानीय लोगों में आक्रोश है। श्री सिंह ने बताया कि उनके पूर्वजों ने अस्पताल के लिए 35 कट्ठा बहुमूल्य जमीन दान में दी थी।
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