जिले में ठंड के दस्तक देते ही शुरू हुई रबी फसल की बोआई
पेज तीन की लीड बना सकते हैंपेज तीन की लीड बना सकते हैं मौसम के गिरते तापमान से बढ रहा गेंहूं की बोआई का ग्राफ 73 हजार 467 हेक्टेयर भूमि में रबी
बांका। निज प्रतिनिधि। जिले में ठंड के दस्तक देते ही किसानों ने खरीफ फसल की कटाई के साथ ही रबी की भी बोआई शुरू कर दी है। खरीफ मौसम में समय पर हुई मानसून की बारिश ने रबी फसल की खेती के लिए भी जमीन तैयार कर दी थी। अक्टूबर में हुई मानसून की अंतिम बारिश से खेतों में नमी बने रहने से किसानों को खरीफ फसल की बोआई में आसानी हो रही है। जिससे समय पर रबी फसल की बोआई होने से उसका उत्पादन भी बढेगा। इसके लिए सरकार ने पूर्व में ही कृषि विभाग को रबी फसलों की खेती का लक्ष्य भी जारी कर दिया गया है। जिसके मुताबिक यहां इस रबी मौसम में 73 हजार 467.121 हेक्टेयर भूमि में रबी फसलों की खेती की जायेगी। इसमें 41 हजार 877.47 हेक्टेयर भूमि में गेंहूं की खेती किये जाने का लक्ष्य तय तय है। इसके लिए अनुदानित दर पर किसानों के बीच रबी फसलों के बीज का भी वितरण किया जा रहा है। अब तक 40 फीसदी किसानों के बीच रबी फसल के बीज का वितरण किया गया है। अभी पहले फेज में किसानों के बीच अनुदानित दर पर दलहन के बीजों का वितरण किया जा रहा है। इसमेें चना, मसूर व मटर शामिल हैं। इसके लिए सरकार की ओर से जिले को 2100 क्विंटल बीज आवंटित किये गये हैं। इसके बाद जल्द ही किसानों को अनुदानित दर पर गेंहूं, मक्का व तेलहन के बीज भी उपलब्ध कराये जाएंगे। हालांकि, जिले को गेंहूं के बीज का आवंटन नहीं किये जाने से अभी अनुदानित दर पर गेहंू का बीज वितरण शुरू नहीं हो सका है। लेकिन, सामर्थवान किसान बजार से गेंहूं के बीज की खरीद कर उसकी बोआई शुरू कर दी है।
15 नवंबर से 25 दिसंबर तक होती है गेंहूं की बोआई
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिय वैज्ञानिक सह प्रधान ब्रजेंदु कुमार ने बताया कि रबी मौसम में 15 नवंबर से गेंहू की बोआई शुरू होती है। जो 25 दिसंबर तक चलता है। इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने से खेतों की नमी बरकरार है। जिससे समय पर गेंहू की बोआई होने की उम्मीद है। ऐसे में समय पर गेंहूं की बोआई होने से उसकी अच्छी पैदावार होगी। हालांकि, इसके लिए मौसम का तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच ही होनी चाहिए। फिलवक्त, मौसम का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस है। जो गेंहूं की बोआई के लिए अनुकूल है। इसके अलावे अन्य रबी फसलों की बोआई का भी अभी बेहतर समय है। इसके अलावे इस साल यहां तीन हजार हेक्टेयर भूमि में गेंहूं के बीज का भी उत्पादन किया जाना है। इसके लिए चार प्रखंड अमरपुर, रजौन, शंभूगंज व बांका का चयन किया गया है। बीज उत्पादन के लिए संबंधित क्षेत्र के चयनित किसानों को प्रशिक्षण भी दिये गये हैं।
रबी फसल के बीज वितरण का खाका
जिले के किसानों को राज्य योजना से मुख्यमंत्री तीव्र बीज बिस्तार योजना, एसएमएसपीएम (बीज ग्राम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 10 वर्ष से कम एवं 10 वर्ष से अधिक के गेंहूं के बीज का वितरण किया जायेगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से चना की खेती व उसके प्रत्यक्षण एवं मटर की खेती के लिए किसानों को अनुदानित दर पर बीज दिये जा रहे हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन टरफा योजना से मटर की खेती एवं उसके पत्यक्षण के लिए अनुदानित दर पर बीज का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन टरफा योजना के तहत तीसी एवं सरसों की खेती एवं उसके पत्यक्षण के लिए किसानों के बीच अनुदानित दर पर बीज का वितरण किया जा रहा है। वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को चना एवं मसूर का मिनीकीट दिया जा रहा है।
रबी फसल का लक्ष्य एक नजर में
फसल लक्ष्य हेक्टेयर में
गेंहूं 41877
चना 10623
खेसारी 1080
मसूर 7217
मक्का 4381
राई-सरसों 4506
राजमा 0.701
गन्ना 73.285
सूर्यमुखी 17.211
तीसी 909.125
उडद 8.25
मूंग 119.047
जौ 742.497
अन्य दलहन 1000
मटर 904.734
बोरो पैडी 2.002
ओट 2.5
कोट...
जिले में इस रबी मौसम में 73 हजार 467.121 हेक्टेयर भूमि में रबी फसलों की खेती का लक्ष्य तय है। इसमें 41 हजार 877.47 हेक्टेयर भूमि में गेंहूं की खेती होगी। रबी फसलों की खेती के लिए किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके अलावे प्रत्यक्षण के लिए भी किसानों को अनुदानिद दर पर बीज दिये जा रहे हैं। वहीं, यहां तीन हजार हेक्टेयर भूमि में गेंहूं के बीज का भी उत्पादन किया जा रहा है।
दीपक कुमार, डीएओ, बांका।
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