दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल
आंल इण्डिया स्कीम वर्कर संयुक्त फोरम के आह्वान पर शनिवार को दूसरे दिन भी स्कीम वर्कर का हड़ताल जारी रहा । जिसमें सेविका, सहायिका , आशा व रसोईया ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। नगर के बलिराम भवन में तीनों...
आंल इण्डिया स्कीम वर्कर संयुक्त फोरम के आह्वान पर शनिवार को दूसरे दिन भी स्कीम वर्कर का हड़ताल जारी रहा । जिसमें सेविका, सहायिका , आशा व रसोईया ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। नगर के बलिराम भवन में तीनों संगठनों ने संयुक्त रूप से धरना देकर स्कीम वर्कर के प्रति सरकार की उदासीनता के विरुद्ध आक्रोश प्रदर्शन किया।
एटक नेता ओम प्रकाश करात ने कहा कि आज देश में करोड़ों लोग स्कीम वर्कर के रूप में देश में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे हैं। जिन्हें पेट भरने लायक भी मानदेय नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ सरकार इनके जनतांत्रिक अधिकारों को बेरहमी से कुचल रही है। सेविका ,सहायिका, आशा ,रसोईया को इस महंगाई में दो सौ रुपए भी रोज के हिसाब से मानदेय नहीं दे रही है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश सभी स्कीम वर्कर को अठारह हजार रुपए कम से कम मानदेय देने का है। लेकिन सरकार तो स्कीम ही समाप्त कर र्किमयों को चाटने की साज़शि कर रही है। आशा संघ की लक्ष्मीना देवी ने कहा कि कोरोनावायरस काल में जान जोखिम में डालकर काम करने वाली सेविका, सहायिका , आशा रसोईया को अभी तक उनका मेहनताना नहीं दिया जा सका। इसलिए आंल इण्डिया स्कीम वर्कर संयुक्त फोरम के आह्वान पर पूरे देश की सेविका सहायिका आशा रसोईया दो दिनों से हड़ताल पर हैं।
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