Hindi NewsBihar NewsBagaha NewsNitish Kumar s Visit Brings Long-Awaited Bridge Construction in Ghotiwa

सीएम की यात्रा से लोगों के लिए बना वरदान घोटवा में बन रहा लचका

बगहा/वाल्मीकिनगर में नीतीश कुमार की यात्रा के बाद घोटवा टोला में लचका का निर्माण शुरू हुआ। पिछले पांच दशकों से ग्रामीणों को बरसात में पहाड़ी नाला पार करने में कठिनाई होती थी। अब यह लचका उनकी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSat, 21 Dec 2024 10:11 PM
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बगहा/वाल्मीकिनगर। पीढ़ियां गुजर गई, एक-दो नहीं पूरे पांच दशक निकल गए थे लचका के इंतजार में। कितने लोगों को इसके बिना परेशानियों का सामना करना पड़ा था। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा की शुरुआत बगहा-2 प्रखंड के घोटवा टोला से होने तिथि मुकर्रर हुई। उनके आगमन मात्र से लचका के निर्माण का काम शुरू हो गया है। इतना ही नहीं सीएम के घोटवा टोला की धरती पर कदम रखने से पहले ही लचका निर्माण पूरा भी कर लिया जाएगा। ऐसे में सीएम की यात्रा के पूर्व घोटवा में बन रहा लचका लोगों के लिए वरदान बन गया है। लचका नहीं होने से घोटवा सहित आसपास के लोगों को सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती थी। तब गांव का संपर्क जिला मुख्यालय समेत अन्य जगहों से कट जाता था। जिसके कारण लोगों को किसी अन्य काम से गांव से बाहर निकलने में परेशानी होती थी। सबसे अधिक परेशानी किसी के बीमार होने या हादसा होने पर होती थी। पहाड़ी नाले में पानी की तेज धार को पार करना जंग जीतने से कम नहीं होता था। कई बार बीमारों को लेकर नदी पार करने में लोगों की कमर लचक जाती थी। लेकिन अब यह लचका ऐसी परेशानी को खत्म कर देगा। स्थानीय मुखिया ज्ञानती देवी और मुखिया प्रतिनिधि रमेश कुमार महतो ने बताया कि बरसात के दिनों में किसी भी ग्रामीण का तबीयत खराब होने पर पानी का तेज बहाव होने से रस्सी का सहारा लेकर आना पहाड़ी नाले के रास्ते आने-जाने की मजबूरी थी। ग्रामीण सकलदेव महतो, त्रिलोक कुमार महतो, उदासी देवी, लक्ष्मी महतो, प्रेम महतो, संतोष काजी, द्वारका काजी, तेतरी देवी, सुगंधा देवी, देवंती देवी आदि ने बताया कि बारिश के दिनों में पहाड़ी नाला पार करना जान की बाजी लगाने जैसा था। इसको लेकर हमलोग बारिश शुरू होने से पूर्व ही सभी जरूरी सामान का स्टोर बना लेते थे। एक महीने तक हाट-बाजार से लेकर मवेशियों के चारे के लिए भी परेशानी होती थी।

पांच दशक से ही नाला पर लचका की उठ रही थी मांग:

स्थानीय ग्रामीणों की माने जो पिछले पांच दशक से पहाड़ी नाला पर लचका के निर्माण की मांग होती रही है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से यहां के लोगों ने गुहार लगाई। लेकिन किसी ने इनकी नहीं सुनी। बारिश के दिनों में दोनों तरफ रस्सी तानकर आने-जाने के लिए मजबूरी थी। अब करीब नौ लाख रुपये की लागत नाले पर लचका का निर्माण किया जा रहा है।

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