‘कालीबाग मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार
बेतिया की नगर निगम की मेयर गरिमा देवी सिकारिया ने कालीबाग मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की अनुमति प्राप्त की है। यह प्रयास पिछले पांच वर्षों से चल रहा था। मंदिर की संरचना को सुरक्षित रखते...
बेतिया। नगर निगम की मेयर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि आध्यात्मिक और पर्यटनिक महत्व वाले आस्था के केंद्र ऐतिहासिक कालीबाग मंदिर परिसर के सभी मंदिरों का अब जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराने की अनुमति राजस्व पर्षद से मिल गयी है। इसको लेकर बीते पांच साल से भी अधिक से लगातार प्रयास किया गया। जिसके बाद यह सफलता मिली है। श्रीमती सिकारिया ने बताया कि उनके वर्षों के अथक प्रयास पर पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक के निर्देश पर पर्षद के उप सचिव संजीव कुमार ने डीएम महोदय को एक विशेष पत्र भेजा है। जिसमें नगर निगम महापौर के कुल पांच अनुरोध पत्रों का उल्लेख भी किया गया है। पत्र में श्री पाठक के निर्देशानुसार मेयर द्वारा प्रस्तावित जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य की अनुमति के साथ तीन शर्तों का उल्लेख भी किया है। जिसमें कहा गया है कि -सभी कार्य जिलाधिकारी पश्चिम चंपारण के मार्गदर्शन और निरीक्षण में कराया जाएगा। सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया में मंदिर के संरचना के मूल स्वरूप को संरक्षित रखते हुए किया जाएगा। अर्थात मंदिर में प्रयुक्त किसी पार्ट या द्रव्य को निकाला नहीं जाएगा। मंदिर की भूमि और परिसंपत्तियों पर बेतिया राज का मालिकाना हक पूर्ववत बरकरार रहेगा। मेयर ने बताया कि उनके प्रयास और नगर निगम बोर्ड की स्वीकृति के आधार पर अतिक्रमण का शिकार हो रहे कालीबाग मंदिर के परिसर की चहारदिवारी करीब 1 करोड़ की लागत से योजना पहले ही पूरी की जा चुकी है। अब पौराणिक मान्यता के आध्यात्मिक महत्व के आधार पर प्राचीन काल में निर्मित कालीबाग परिसर से सभी धरोहर मंदिरों के जर्जर और बरसात भर टपकती प्राय: सभी छतों के कारण इनको ध्वस्त होने से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की श्रद्धापूर्ण मांग के आधार पर उन्होंने भी बेतिया-राज कालीन कालीबाग मंदिर के बुनियादी स्वरूप को सुरक्षित, संरक्षित रखने के साथ सौंदर्यीकरण के साथ मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नगर निगम, बेतिया की निधि से कराने की अनुमति मांगी थी। जिसमें बेतिया राज प्रबंधन के मालिकाना हक बरकरार रहने की शर्त के साथ मंदिर परिसर के संपूर्ण भवनों एवं मैदान का जीर्णोद्धार हो सकेगा। श्रीमती सिकारिया ने यह भी बताया कि यह मंदिर दशकों से लाखों श्रद्धालु जन के लिए लोक आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र व प्रतीक रहा है। इसके साथ ही पुरातात्विक, दुर्लभ वास्तुकला और पर्यटनिक महत्व वाले इस धरोहर को सुव्यवस्थित रूप में संरक्षित कर देने से अपने नगर निगम क्षेत्र के साथ सम्पूर्ण जिला का भी महत्व बरकरार रह सकेगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।