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सीएम ने रग्बी खिलाड़ी दारोगा श्वेता को दिया अवॉर्ड

बेतिया की दारोगा श्वेता शाही को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खेल दिवस पर 25 लाख रुपये इनाम देकर सम्मानित किया। श्वेता ने कई अंतरराष्ट्रीय रग्बी फुटबॉल प्रतियोगिताओं में भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSun, 1 Sep 2024 09:28 PM
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बेतिया। एशिया के कई देशों में आयोजित इंटरनेशनल रग्बी फुटबॉल प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली बेतिया की दारोगा श्वेता शाही को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्मानित किया है। खेल दिवस पर गत 29 अगस्त को राजगीर में आयोजित एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम के उद्घाटन समारोह पर सूबे के मुख्यमंत्री ने नालंदा के सिलाव प्रखंड के भदारी गांव निवासी श्वेता शाही को 25 लाख की राशि इनाम में देकर सम्मानित किया। श्वेता फिलवक्त बेतिया के पुलिस लाइन में तैनात है। उनकी उपलब्धि पर चंपारण रेंज के डीआईजी जयंकांत ने भी बधाई दी है। उन्होंने कहा कि श्वेता ने पूरे देश का नाम रग्बी फुटबॉल में रोशन किया है। वर्ष 2023 में चीन के हैग्जहऊ में आयोजित एशियन गेम्स में भारतीय टीम सातवें स्थान पर रही। दोहा कतर में 2023 में आयोजित एशियन वीमेंस रग्बी फुटबॉल ट्रॉफी में भारतीय टीम दूसरे, 2019-22 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित एशियन वीमेंस में भारतीय टीम दूसरे व फिलिपिंस राजधानी मनिला में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर रही। 2016 में दुबई में आयोजित अंडर-18 गर्ल्स रग्बी फुटबॉल टूर्नामेंट में भारतीय टीम को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। इप सभी टूर्नामेंट में श्वेता शाही भारतीय टीम में शामिल थी। बिहार सरकार ने भी उन्हें सात बार विशेष रूप से सम्मानित किया है। इसके अलावा श्वेता लगभग दो दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुकी है। यातायात डीएसपी रंजन कुमार सिंह ने बताया कि अंतराष्ट्रीयस्तर की खिलाड़ी हमारे बिहार पुलिस में कार्यरत है। यह बिहार पुलिस के लिए भी गौरव की बात है।

युटूब देख सीखा रग्बी, मेहनत के चलते घोषित हुई ‘अनस्टॉपेबल :

श्वेता शाही का जन्म नालंदा के सिलाव प्रखंड के एक छोटे से गांव भदारी में हुई था। गांव में कोई स्टेडियम नहीं था। वहां खेल सुविधाओं का घोर अभाव है। लेकिन, उनमें एथलेटिक्स के प्रति काफी रूझान था। एथलेटिक्स के दौरान ही उन्होंने रग्बी के बारे में जाना। श्वेता बताया है कि उस वक्त विदेशी खेल रग्बी फुटबॉल के बारे में बहुत कम ही लोग जानते थे। लड़कियां घर से बाहर नहीं निकलती थी। वर्ष 2012 से श्वेता ने युटूब देखकर रग्बी फुटबॉल सीखना शुरू किया। गांव में कोई खेल मैदान नहीं था तो उन्होंने रोड पर दौड़कर प्रैक्टिस शुरू की। यहीं से उनका सफर हुआ जो उन्हें अंतराष्ट्रीय उपलब्धि तक ले गया। उनके खेल पर बनी एक वीडियो रिपोर्ट उन्हें ‘अनस्टॉपेबल बना दिया। जिसके चलते उन्हें लंदन में आयोजित महिला वर्ल्ड रग्बी फुटबॉल में ‘अनस्टॉपेबल बनाया गया। पूरे विश्व से 15 महिला खिलाड़ियों को ‘अनस्टॉपेबल चुना गया था। जिसमें एशिया से तीन खिलाड़ी शामिल थीं।

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