Hindi Newsबिहार न्यूज़औरंगाबादNitish Government s Caste Census Criticized Only 4 Representation for Koiri Community

नीतीश सरकार की जातीय जनगणना सिर्फ खानापूर्ति: नागमणि

दाउदनगर में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने नीतीश सरकार पर जातीय गणना में कोईरी समाज की जनसंख्या को कम दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वास्तविक जनसंख्या 12 प्रतिशत है, लेकिन केवल 4.25 प्रतिशत...

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादWed, 23 Oct 2024 10:57 PM
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दाउदनगर, संवाद सूत्र। नीतीश सरकार ने जातीय गणना कर खाना पूर्ति करने का काम किया है। कोईरी समाज की जनसंख्या बिहार में 12 प्रतिशत है, लेकिन जातीय गणना में चार सवा चार प्रतिशत दिखाया गया है। उक्त बातें दाउदनगर सिंचाई विभाग आईबी में पत्रकारों से वार्ता करते पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कही। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण की जनसंख्या बिहार में छह-सात प्रतिशत है। उसे दो से तीन प्रतिशत कर दी गई है। यह साबित करता है कि जातीय जनगणना धरातल पर नहीं हुआ। गांव में सर्वेक्षण हुआ ही नहीं सिर्फ कागज पर खाना पूर्ति कर दी गई है। 23 फरवरी 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले कोईरी आक्रोश महारैली को सफल बनाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि द्वारा जिलों में दौरा किया जा रहा है। इसी क्रम में विभिन्न प्रखंडों का दौरा करने के बाद उन्होंने दाउदनगर प्रखंड का दौरा करते सिंचाई विभाग के आईबी में पहुंचे थे। कोईरी आक्रोश महारैली के उद्देश्यों पर चर्चा की। यादव समाज को 14 प्रतिशत बताया गया है। यादव से कोईरी समाज ज्यादा से ज्यादा तीन से चार प्रतिशत ही कम होगा। उन्होंने कहा समाज को एकजुट करके कोईरी समाज से मुख्यमंत्री बनाना है। शिक्षाविद राणा प्रताप सिंह, भानुप्रताप सिंह, रामकुमार मेहता उर्फ कारू मेहता, रजनीश दांगी, सैयद मो. नदीम, महावीर कुशवाहा, कमल किशोर, मकसूदन पासवान, महेंद्र कुशवाहा, श्रीनिवास कुशवाहा उपस्थित थे।

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