सिमटता जा रहा मैदान, थमती जा रही खेल गतिविधि, युवा लीड
अम्बा का एकमात्र चिल्हकी हाई स्कूल का खेल मैदान अतिक्रमण की चपेट में, समतलीकरण की भी जरूरत
मैदान के अभाव में अंबा में खेल गतिविधियां थमती जा रही है। बच्चे कहां खेलें यह समस्या बन चुकी है। अंबा में एकमात्र चिल्हकी हाई स्कूल का खेल मैदान है जहां बच्चे खेला करते थे। यह मैदान अतिक्रमण की चपेट में इस कदर आ गया है कि अब यहां खेल गतिविधियां सहज संभव नहीं दिखती है। हालांकि बच्चे इस मैदान का उपयोग अब भी करते रहे, पर इस मैदान पर अब कोई बढ़िया टूर्नामेंट कराना संभव नहीं दिखता। यह कामचलाउ मैदान बनकर रह गया। इसका आकार दिन-प्रतिदिन सिमटता जा रहा है। दस्तावेज में यह मैदान 4 एकड़ 59 डी. का है, पर धरातल पर यह अत्यंत छोटा दिखता है। मैदान का तकरीबन 2 एकड़ भूभाग अतिक्रमण की जद में है। मैदान की पैमाइश कराकर इसे अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग खिलाड़ी विभिन्न मंचों से करते रहे हैं। अधिकारियों से भी इसके लिए कई बार गुहार लगाई है। पैमाइश कराने और अतिक्रमणमुक्त करने का आश्वासन तो मिलता है पर इस दिशा में पहल का अभाव बना रहता है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2019 में मैदान के भूमि की पैमाइश का आदेश अंचल कार्यालय से निर्गत हुआ था, पर पैमाइश के बाद का अभिलेख नहीं मिलने के चलते मामला ठंढे बस्ते में चला गया। मैदान के आभाव में खेल प्रतिभाएं दफन हो रही है। सार्वजनिक उत्सव का भी एकमात्र जगह अंबा में सार्वजनिक उत्सव का भी यह खेल मैदान ही एकमात्र जगह है। चुनाव के दिनों में किसी बड़े नेता की सभा हो या पकड़े गए वाहनों को खड़ा करना हो, इन सबके लिए इसी मैदान का उपयोग होता है। सतबहिनी महोत्सव व खेल उत्सव के भी लोग इसी मैदान का उपयोग करते हैं। सतबहिनी मंदिर के बगल में होने के चलते लग्न के दिनों में यहां वैवाहिक गतिविधियां भी संपन्न होती है।
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