Hindi Newsबिहार न्यूज़औरंगाबादChhath Puja in Amba Challenges at Batane River Ghat Due to Pollution

बटाने नदी के पक्के घाट के समीप पानी नहीं, जहां पानी वहां घाट नहीं

नवयुवक समिति के सदस्यों के द्वारा प्रतिवर्ष नदी की धार के दोनों किनारे कराया जाता है कच्चे घाट का निर्माण

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादTue, 15 Oct 2024 09:59 PM
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अंबा में छठ व्रत में सबसे अधिक भीड़ देव रोड के बटाने नदी घाट पर होती है। अंबा समेत स्थानीय कई गांव के व्रती इस घाट पर पहुंचते हैं और अस्ताचलगामी व उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हैं। इस नदी के एक किनारे व्रतियों की सुविधा के लिए प्रतिनिधियों के द्वारा पक्के छठ घाट का निर्माण कराया गया है। नदी किनारे जहां घाट बना है वहां पानी नहीं है और जहां पानी है वहां घाट नहीं है। ऐसे में इस पक्के छठ घाट की कोई उपयोगिता नहीं रह जाती। नदी की धारा दोनों किनारों के बीच से गुजरती है जबकि घाट का निर्माण एक किनारे पर कराया गया है। ऐसी स्थिति में व्रतियों के लिए प्रतिवर्ष स्थानीय नवयुवक समिति के द्वारा नदी की धारा के दोनों किनारे कच्चे घाट का निर्माण कराया जाता है और अन्य व्यवस्थाएं की जाती है। समिति से जुड़े युवाओं ने बताया कि दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी शुरू होगी। समिति का पुनर्गठन किया जाएगा। नदी की धारा के दोनों किनारों की साफ-सफाई कराई जाएगी। कच्चे घाट का निर्माण कराया जाएगा ताकि यहां आने वाले व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो। उनके लिए टेंट-पंडाल लगाए जाएंगे। प्रकाश की व्यवस्था कराई जाएगी। रास्ते की भी साफ-सफाई कराई जाएगी। व्रतियों को किसी तरह की दिक्कत न हो इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा। विदित हो कि यह नदी थाना परिसर से सटे प्रवाहित होती है। घाट पर विधि-व्यवस्था से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती है। --------------------------------------------------------------------------------------------------- नदी में गंदगी पसरी होने से होती है परेशानी --------------------------------------------------------------------------------------------------- नदी में गंदगी पसरे रहने के समिति सदस्यों को छठ पर्व की तैयारी में काफी परेशानी होती है। वर्ष भर आस-पास के लोग इसी नदी में गंदगी फैलाते रहते हैं। इस वर्ष नदी में बाढ़ आने से इसकी सफाई हो गई, पर पानी जैसे ही कम हुआ लोग फिर नदी में गंदगी फैलाना शुरू कर दिए। गंदगी के चलते सदस्यों को सफाई के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लेना पड़ता है। प्रतिवर्ष ऐसी स्थिति यहां देखी जाती है। हालांकि समिति सदस्यों के द्वारा यहां व्रत की अच्छी व्यवस्था की जाती है।

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