बिहार के पौने 3 लाख शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी का रास्ता साफ, एस सिद्धार्थ ने लगाई थी रोक
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने ट्रेनिंग पूरी नहीं करने वाले शिक्षकों की सालाना वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी।
Bihar Teacher News: बिहार के करीब पौने तीन लाख नियोजित शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। ये सभी ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) बिहार की ओर से आयोजित सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। इनकी संख्या 2 लाख 92 हजार 144 है। इनमें पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 75594 शिक्षक शामिल हैं। जबकि राजधानी पटना के 12520 शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने दो महीने पहले ट्रेनिंग पूरी नहीं करने वाले शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी।
गलपुर के करीब 800 समेत पूरे बिहार में कुल 31505 शिक्षकों ने अबतक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने बीते 17 अगस्त को एससीईआरटी ने जिलों के प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों की कोटिवार सूची जारी की। इसके बाद से इन शिक्षकों की वेतन वृद्धि का रास्ता साफ हो गया।
एसीएस ने लगाई थी रोक
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 11 जून को सभी जिलों को निर्देश दिया था कि जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है, उनकी सालाना वेतन वृद्धि पर रोक रहेगी। सतत व्यावसायिक विकास योजना के अंतर्गत शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के लिए चरणवार सेवाकालीन-आरंभिक प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन जुलाई, 2023 से संचालित है। अभी भी कई शिक्षकों ने प्रशिक्षण नहीं लिया है। पत्र में यह भी साफ किया था कि वेतन वृद्धि पर लगी रोक शिक्षकों के प्रशिक्षण लेने के बाद निर्धारित तिथि से पुन देय होगी।
बिहार के 38 जिलों में पदस्थ हैं कुल 3.23 लाख नियोजित शिक्षक
पूरे प्रदेश में प्रारंभिक से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में 3.23 लाख नियोजित शिक्षक पदस्थ हैं। बीपीएससी की ओर से पहले और दूसरे चरण में करीब ढाई लाख शिक्षकों की बहाली हुई है। इस तरह प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में करीब 5.77 लाख शिक्षक पदस्थ हैं।
राज्यभर में विद्यार्थी और शिक्षक अनुपात 351
अब दो लाख से अधिक बीपीएससी शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 351 हो गया है, जो राष्ट्रीय विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात के बराबर है। बता दें कि दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति से पहले यह 451 था।