नर्सिंग होम सील करने के विरोध में दूसरे दिन भी चिकित्सकों का हड़ताल जारी
फारबिसगंज में, डॉ मनोरंजन शर्मा के साथ कथित पिटाई और नर्सिंग होम को सील करने के खिलाफ डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखी। सभी प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक बंद रहे, जबकि दवा दुकानदारों ने भी समर्थन किया।...
फारबिसगंज, निज संवाददाता। तीन दिन पूर्व सुभाष चौक स्थित शकुंतला आरोग्य केंद्र के चिकित्सक डॉ मनोरंजन शर्मा के साथ कथित पिटाई एवं तोड़फोड़ के अलावे प्रशासन द्वारा नर्सिंग होम सील करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को दूसरे दिन भी नर्सिंग होम सील के विरोध में चिकित्सकों का हड़ताल जारी रहा। जहां सभी प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक बंद रहे वहीं बड़ी संख्या में दवा दुकानदारों ने भी अपनी-अपनी प्रतिष्ठानों को बंद कर चिकित्सकों के इस आंदोलन में अपना समर्थन दिया। इधर सरकारी अस्पताल खुले रहने से मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिली। इधर आंदोलनकारी चिकित्सकों का कहना था कि सरकार द्वारा जिस तरह से बगैर किसी जांच पड़ताल और प्रभाव में आकर एक तरफा कार्रवाई कर रही है इससे तो अब चिकित्सकों का प्रेक्टिस करना भी मुश्किल हो गया है। आए दिन चिकित्सकों को असामाजिक तत्वों का कोपभाजन का शिकार बनना पड़ेगा। यह भी कहना है कि जिस तरह से इशारे पर और गैरसंवैधानिक तरीके से नर्सिंग होम को सील किया गया है इसकी भी जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस संबंध में आंदोलन को लीड कर रहे डॉक्टर एमपी गुप्ता ,डॉक्टर हरकिशोर सिंह एवं डॉ अतहर ने कहा कि आज तक मेडिकल क्षेत्र में जांच के बाद दोषी पाने पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होती है और नर्सिंग होम को सील किया जाता है । मगर यह पहली घटना है जब नर्सिंग होम को गैर संवैधानिक तरीके से सील कर दिया गया है। यह भी कहा कि अब डीएम के द्वारा जांच कमेटी गठित करने की बात कही जा रही है मगर यह जांच कमेटी तो सील करने से पहले होना चाहिए और इसकी जांच के बाद अगर दोषी हो तब सील किया जाना चाहिए। सील करने के बाद अब जांच कमेटी का क्या औचित्य रह गया है। इन चिकित्सकों ने यह भी कहा कि जब तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं होगी और सील बंद नर्सिंग होम को नहीं खोला जाएगा तब तक यह आंदोलन अनिश्चितकालीन चलता रहेगा। इधर गुरुवार को दूसरे दिन भी शहर के तमाम निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक बंद रहे। बंद होने के कारण बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए घूमते देखे गए। कुछ मरीजों का इलाज तो अनुमंडलीय अस्पताल में संभव हो पाया लेकिन बड़ी संख्या में मरीज अपने चहेते डॉक्टर के पास आए थे मगर क्लीनिक बंद देख उन्हें निराशा हाथ लगी और वह अपने घर लौट गए। इधर चिकित्सकों ने पीएचसी प्रभारी डॉ राजीव बसाख से भी कई सवाल किए क्योंकि दंडाधिकारी के रूप में एसडीओ के कहने पर उन्हीं के द्वारा नर्सिंग होम को सील किया गया। इससे पहले आज स्थानीय ग्रीन प्लाजा परिसर में बड़ी संख्या में चिकित्सकों की एक बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में डॉ एमपी गुप्ता, डॉक्टर हिरकिशोर सिंह ,डॉक्टर हालदार प्रसाद, डॉक्टर यूसी मंडल, डॉक्टर मोहम्मद अतहर सहित कई डॉक्टरों ने अपनी अपनी राय दिए और न्याय मिलने तक इस आंदोलन को बनाए रखने का आह्वान किया। इधर एसपी कार्यालय से निर्गत विज्ञप्ति में अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाए जाने के पश्चात एसडीओ फारबिसगंज के आदेश पर नर्सिंग होम को सील करने की बात कही गई। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देने के बाद नर्सिंग होम का संचालन अवैध नहीं है।
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