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स्वस्थ व सेहतमंद बच्चे के लिये गर्भवती महिला का स्वस्थ होना जरूरी

अररिया जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया गया। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच और उच्च जोखिम वाले मामलों की पहचान की गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने महिलाओं को...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाMon, 26 Aug 2024 05:48 PM
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अररिया, वरीय संवाददाता जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व परिवार नियोजन दिवस का साथ-साथ आयोजन किया जाता है। इस क्रम में गर्भवती महिलाओं का एएनसी जांच के साथ देखभाल संबंधी जरूरी सेवा प्रदान की जाती है। वहीं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिये उच्च जोखिम वाले प्रसव संबंधी मामलों को चिह्नित किया जाता है, जो इस बार भी किया गया। जांच के लिये अस्पताल पहुंचने वाली योग्य महिलाओं को स्वास्थ्य कर्मियों ने परिवार का आकार छोटा रखने, बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने व परिवार नियोजन संबंधी उपलब्ध स्थायी व अस्थायी विकल्पों की जानकारी देते हुए इसके उपयोग को लेकर प्रेरित व प्रोत्साहित किया गया।

स्वस्थ मां ही दे सकती है सेहतमंद बच्चे को जन्म:

अररिया के संदलपुर एचडब्ल्यूसी की सीएचओ राजलक्ष्मी गंगोत्री ने बताया कि स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। इसलिये स्वस्थ व सेहतमंद बच्चे के लिये गर्भवती महिला का स्वस्थ होना जरूरी है। इसके लिये गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार एएनसी जांच महत्वपूर्ण है। ताकि गर्भावस्था से संबंधित जटिलता, संभावित संक्रमण के खतरों से बचाव जच्चा-बच्चा के समुचित स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने बताया कि मां व उनके बच्चे दोनों स्वस्थ रहें इसके लिये दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर होना जरूरी है। इससे दोनों का समुचित पोषण व स्वास्थ्य संबंधी देखभाल आसान होता है। इसलिये छोटा व सीमित परिवार को महत्व देना जरूरी है।

सुरक्षित मातृत्व व सुखद परिवार को बढ़ावा देना उद्देश्य:

डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व व जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिये समुदाय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में हर महीने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। सुरक्षित मातृत्व को लेकर जहां गर्भवती महिलाओं की जरूरी जांच, दवा संबंधी सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है। वहीं योग्य दंपति को परिवार नियोजन सेवाओं के स्थायी व अस्थायी सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य की बेहतरी का है प्रयास:

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि गर्भवस्था संबंधी उच्च जोखिम वाले मामलों को चिह्नित करना पीएमएसएमए अभियान का मुख्य उद्देश्य है। ताकि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके। उसी तरह परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाकर जनसंख्या स्थिरीकरण व अनचाहे गर्भ से बचाव व मातृ-शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। नियोजन सेवाओं की आसान पहुंच से असुरक्षित गर्भपात के मामलों को कम किया जा सकता है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने, मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने, एचआईवी सहित किसी अन्य तरह के संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिहाज अभियान को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। परिवार नियोजन सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं, पुरुषों की सक्रिय भागीदारी जरूरी।

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