जिउतिया पर्व को लेकर बाज़ारों में दिनभर रही गहमागहमी
फारबिसगंज में जीवित्पुत्रिका व्रत का दूसरा दिन श्रद्धा के साथ मनाया गया। माताएं पुत्र की दीर्घ और सुखमयी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह पर्व तीन दिन चलता है और इसे जितिया भी कहा जाता है। पर्व...
फारबिसगंज । एक संवाददाता। संतान के सुख और सौभाग्य के लिये रखा जाने वाला तीन दिवसीय जीवित्पुत्रिका व्रत के दूसरे दिन मंगलवार को फारबिसगंज सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। पुत्र की दीर्घ,आरोग्य और सुखमयी जीवन के लिए इस दिन माताएं व्रत रखती हैं। तीज की तरह यह व्रत भी बिना आहार और निर्जला रखना पड़ता है। तीन दिन तक चलने वाले इस व्रत को छठ पर्व की ही तरह बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस व्रत को स्थानीय भाषा मे जितिया भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्या पंडित अंगद दुबे और अभिषेक दुबे के अनुसार जितिया पर्व का समापन बुधवार को किया जायेगा। इधर पर्व को लेकर शहर में दिनभर गहमागहमी देखी गई। वहीं पर्व को लेकर सब्जियों व फलों के दामों में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई। इस मौके पर व्रती मंजू सिंह,कल्पना पटेल,रेणु देवी,डिम्पल सिंह,अलका सिंह,सोनी देवी,बिमला देवी,संजना देवी आदि ने बताया की अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका मनाया जाता है। इसे जिउतिया या जितिया व्रत भी कहा जाता है। छठ पर्व की तरह जितिया व्रत पर भी नहाय-खाय की परंपरा होती है। यह पर्व तीन दिन तक मनाया जाता है। सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की समृद्धि और उन्नत के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद नवमी तिथि यानी अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है, यानी व्रत खोला जाता है।
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