Hindi Newsबिहार न्यूज़अररियाAnimal Smuggling Continues Despite Police Actions in Farbisganj

दामन बचाने में जुटी पुलिस, मवेशियों का खेप ढोने में तस्कर व्यस्त

फारबिसगंज में बांग्लादेश से मवेशियों की तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस ने कई खेप पकड़े हैं, लेकिन तस्करी दिन में भी जारी है। स्थानीय लोग चिंतित हैं कि इस राष्ट्र विरोधी गतिविधि पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाThu, 19 Sep 2024 06:42 PM
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फारबिसगंज, निज संवाददाता। दो दिनों तक मवेशियों के कई खेप पकड़ाने के बाद भी बांग्लादेश से जुड़े पशु तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह हो गई है कि जहां एक तरफ पुलिस अपनी दामन बचाने में जुटी हुई है वही तस्कर पशु तस्करी का खेप ढोने में व्यस्त हैं। तस्करी का स्वरूप में बदलाव अवश्य देखा जा रहा है। कंटेनर पर फिलहाल रोक जरूर लग गई है मगर तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब कंटेनर के बजाय डीसीएम एवं अन्य वाहनों के माध्यम से मवेशियों को ढोया जा रहा है। कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि अब रात के बजाय दिन में भी पशु तस्करी का खेप ढोया जा रहा है। डीसीएम एवं पिकअप वाहनों पर ढोए जा रहे खेप के विषय में यह अफवाह फैलाया जाता है कि इसे अररिया एवं किशनगंज के पास मांस फैक्ट्री में ले जाया जा रहा है। मगर सूत्र बताते हैं कि सभी मवेशियों को पहले बंगाल के पंजीपाड़ा में स्टॉक किया जाता है फिर वहां से योजना बद्ध तरीके से असम एवं बांग्लादेश भेजा जाता है। हिदुस्तान में लगातार खबर छपने के बाद एसपी द्वारा संबंधित थाना अध्यक्षों को कड़े निर्देश व चेतावनी के बाद पहले नरपतगंज में 56 मवेशी पकड़े गये। इसके बाद भी जब कारोबार नहीं रुका और पुलिस प्रशासन की भूमिका उदासीन रही तो फिर आम लोगों ने तस्करी के मवेशियों के खेप का रास्ता रोका और फिर पुलिस प्रशासन ने वाहन व आधा दर्जन तस्करों के साथ करीब 60 मवेशियों को जब्त किया।

पशु तस्करी देश की अर्थव्यवस्था करता है कमजोर:

लोगों का कहना है कि पशु तस्करी का न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है, न केवल राष्ट्र विरोधी गतिविधि में समाज के युवाओं को धकेला जा रहा है बल्कि संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र में ऐसी परिपाटी तैयार की जा रही है जिस राह पर रातोंरात लखपति बनने के सपना साधने वालों की खूब एंट्री हो रही है। स्थानीय लोग अब इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर इस राष्ट्र विरोधी हरकत व पशु तस्करी पर कब रोक लगेगी। किंगपीन तक पुलिस के हाथ कब पहुंचेगी। बताया जाता है कि शहर के कुछ लोग इस कुत्सिक धंधे में शामिल हैं। ऐसे लोगों का प्रशासन से भी उतनी ही नजदीकी बताई जाती है।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी-

फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने बताया कि पशु तस्करी का कई खेप पकड़ रहा है। पुलिस इस दिशा में सक्रिय है। पुलिस की नजर शहर के ऐसे कारोबारी पर भी टिकी हुई है। इस अवैध धंधा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें शामिल लोगों के गिरेबान तक भी पुलिस की हाथ जल्द पहुंचेगी। जो लोग इस धंधे में शामिल है वह किसी गलतफहमी में नहीं रहे।

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