वीकेएसयू : वेतन और पेंशन में विलंब से शिक्षकों और कर्मी परेशान
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-दो माह से शिक्षक, कर्मी और पेंशनरों को नहीं मिला है वेतन और पेंशन -तीसरा माह भी बीतने की कगार पर अब तक मिलने के आसार नहीं 1750 पेंशनर हैं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 450 शिक्षक और 400 कर्मचारी हैं विवि में आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कार्यरत व रिटायर शिक्षकों और कर्मियों को वेतन व पेंशन नहीं मिलने से बेहाल हैं। सितंबर माह बीतने की कगार पर है लेकिन वेतन मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। वेतन और पेंशन नहीं मिलने से शिक्षकों और पेंशनरों में आक्रोश बढ़ रहा है। इससे पहले तीन-चार महीने लंबे इंतजार के बाद जून माह में विवि और कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन और रिटायर लोगों को पेंशन मिली थी, लेकिन इसके बाद फिर से वेतन रुका है। शिक्षा विभाग ने जुलाई और अगस्त महीने का अनुदान जारी नहीं किया है, जिस वजह से बिना वेतन के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ और पेंशनर्स का दो महीना बीत गया है। अब स्थिति यह कि तीसरा महीना सितंबर बीतने की कगार पर है, लेकिन अब तक वेतन की राशि निर्गत नहीं की गयी है। मालूम हो कि पूर्व में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच केके पाठक के कार्यकाल के दौरान टकराव के कारण इनका वेतन कई महीनों से लटक गया था। जून में सरकार ने वित्त विर्ष 2024-25 के लिए फंड को मंजूरी दी थी। अब फिर वेतन और पेंशन नहीं मिल रही है। डाटा भरने के बाद ही राशि निर्गत होने की कही जा रही बात जानकारों की मानें तो शिक्षा विभाग ने जुलाई या आगे का वेतन जारी करने से पूर्व सभी विवि को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राशि तभी हो पाएगा, जब पे रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर यूनिवर्सिटी-कॉलेज पिछले अनुदान की उपयोगिता का डेटा भर देंगे। दो दिन पूर्व भी शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी विवि के कुलपति को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विभाग के नवनिर्मित पे रोल मैनेजमेंट पोर्त्ल्पर शिक्षक, कर्मी का मूल डाटा अपलोड किया जाना है। इसमें सभी वेतन, पेंशन और पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले शिक्षकों, कर्मियों और व्यक्तियों का डाटा अपलोड किया जाना है। साथ ही अतिथि शिक्षकों का डाटा देना है। इसके लिए लगातार बैठक कर संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है। शिक्षा विभाग के अनुसार वेतन के मामले में डाटा अधिकांश विवि का अपलोड हो चुका है, लेकिन पेंशन, पारिवारिक पेंशन और अतिथि शिक्षकों के मामले में अभी कई जगहों का मामला लंबित है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्देश का अनुपालन होने पर ही अनुदान जारी होगा। इधर, सूत्रों की मानें तो विवि स्तर पर मुख्यालय के कर्मियों का डाटा अपलोड है। कॉलेज स्तर पर कई जगह का अभी शेष रह गया है। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे शिक्षक और कर्मी शिक्षकों और कर्मियों को वेतन समय पर नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंगीभूत और पीजी विभागों में 450 शिक्षक और 400 से अधिक कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हुआ है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों को विशेष तौर पर बच्चों की शिक्षा एवं अन्य मदों में होने वाले मोटे खर्च को जुटाने में भी कठिनाइयां आ रही हैं। पेंशनर समाज की स्थिति बदतर विश्वविद्यालय के पेंशनरों की पैसे के अभाव में स्थिति बेहाल हो चुकी है। वीकेएसयू में पेंशनरों की संख्या 1750 है। इनमें कई पेंशनरों को परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। कुछ को इलाज में भी दिक्कत हो रही है। उनके परिवार में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारियों को मार्च माह की पेंशन का भुगतान नहीं होने से उनके समक्ष आर्थिक तंगी आ गयी है। क्या कहते हैं शिक्षक नेता फुटाब के अध्यक्ष डॉ केबी सिन्हा ने कहा कि सरकार का यह नियम सही नहीं है। शिक्षा विभाग की मनमानी के कारण तमाम अवकाश प्राप्त विश्वविद्यालय शिक्षक पेंशन के अभाव में भुखमरी की कगार पर हैं। उनकी चिकित्सा और दवा बंद है। कहा है कि दुर्भाग्य है कि पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तबादले के बाद भी शिक्षा विभाग अड़ंगा लगाने की नीति पर चल रहा है। अगर पोर्टल पर डेटा अपलोड करने में समय लग रहा है, तो इसके लिए सैलरी या पेंशन रोकने को उचित नहीं ठहराया जा सकता। शिक्षक नेता ने कहा कि इतने साल से सरकार आखिर कैसे वेतन दे रही थी। --------
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