भोजपुर में तीन मोबाइल वेटनरी यूनिट शुरू, मवेशियों का होगा इलाज
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-जिले के आरा सदर, पीरो व चरपोखरी प्रखंड में योजना की हुई शुरुआत -जल्द ही जिले के अन्य प्रखंडों में भी एमवीयू वैन मिलने की है उम्मीद आरा, एक संवाददाता। भोजपुर में तीन मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) को हरी झंडी दिखा रवाना किया गया। सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम मनोज झा ने जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ दिनकर कुमार की मौजूदगी में हरी झंडी दिखा योजना की शुरुआत के साथ वाहनों को रवाना किया। सात निश्चय पार्ट दो के तहत जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक एमवीयू मुहैया कराया जाना है। केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से शुरू की गई इस योजना के तहत जिले के हर प्रखंड में मोबाइल वेटनरी यूनिट शुरू की गई है। योजना का संचालन पशु एवं मत्स्य विभाग की ओर से किया जा रहा है। सोमवार को कार्यक्रम की शुरुआत होनी थी और मात्र तीन ही वैन मुहैया हो सके थे। ऐसे में जिले के आरा सदर, चरपोखरी और पीरो प्रखंड के लिए एक-एक एमवीयू की शुरुआत की गई। पशुपालन पदाधिकारी के अनुसार एक सप्ताह में बाकी के बचे प्रखंडों में भी वाहन मुहैया करा दिये जायेंगे। इन एमवीयू में पशुपालक किसानों के लिए कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वैन के अंदर मवेशियों के लिए जरूरी दवाओं से लेकर टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान भी किया जायेगा। इसका लाभ लेने के लिए पशुपालकों को हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल करनी होगी। मवेशियों के बीमार होने पर यह एमवीयू समय से पशुपालकों के घर पहुंच इलाज के साथ जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी। मवेशियों के गर्भाधान के लिए भी घर-घर जाकर गर्भाधान का कार्य इस एमवीयू के माध्यम से किया जायेगा। प्रखंड के दो गांवों में रोज जायेगा एमवीयू वाहन जिले के सभी प्रखंडों में मौजूद हर एमवीयू वाहन को रोज प्रखंड क्षेत्र के किन्ही दो गांवों में जाना है। इस दौरान मवेशियों के इलाज व गर्भाधान के अलावा वाहन में लगे एलसीडी के माध्यम से पशुपालकों के हित में सरकार की ओर से चलाई जा रही पशुपालन संबंधी योजनाओं की जानकारी देने के साथ प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा। पशुपालक किसानों को हर तरह की जरूरी जानकारी दी जायेगी, ताकि पशुपालकों को हर योजना के बारे में जानकारी मिल सके। वाहनों पर मौजूद रहेंगे पशु चिकित्सक व सहायक मोबाइल वेटनरी यूनिट के सभी वाहनों पर जरूरी दवाओं के साथ एक-एक पशु चिकित्सक और सहयोगी मौजूद रहेंगे। समान्य दवाओं के साथ कृत्रिम गर्भाधान के लिए सामग्री भी वाहन पर मौजूद रहेंगे। इन कार्यों के लिए पशुपालकों को अब इधर-उधर दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एक वाहन पर जरूरी सामग्रियां उपलब्ध रहेंगी।
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