Hindi Newsबिहार न्यूज़Approach of bridge washed away in Kishanganj Dozens of villages lost contact

किशनगंज में बह गया पुल का अप्रोच; दर्जनों गांवों का टूटा संपर्क, बेसुध बना रहा प्रशासन

किशनगंज जिले के प्रखंड के पत्थरघट्ठी पंचायत में बने पुल का अप्रोच बारिश में बह गया। जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क जिले से कट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने इस मामले में काफी महीनों से शिकायत की गई थी। लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई।

sandeep हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 07:57 PM
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बिहार में पुल के ढहने का सिलसिला रुका तो अब पुल का अप्रोच ध्वस्त होने का मामला सामने आया है। किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के पत्थरघट्ठी पंचायत के दर्जनों गांव को प्रखंड मुख्यालय समेत जिला केंद्र से जोड़ने वाला गुवाबारी पुल का एप्रोच मंगलवार को ध्वस्त हो गया। इससे पहले इसी रास्ते पर दोदरा पुल का एप्रोच भी ध्वस्त हो चुका है। और लोग पुल पर चढ़ने के लिए चचरी पुल का सहारा ले रहे हैं।

पूरी तरह ध्वस्त हो चुके गुवाबारी पुल के एप्रोच के कारण अब दिघलबैंक प्रखंड के पत्थरघट्ठी पंचायत के गुवाबारी, बच्चा गुवाबारी, ग्वाल टोली,दोदरा, कमरखोद, बालुबारी, संथाल टोला सहित टेढ़ागाछ प्रखंड के मटियारी पंचायत के मटियारी, नया मटियारी, बेलडांगी बहादुरगंज गांवों का संपर्क किशनगंज से कट गया है।

ये बात अलग है कि एप्रोच कटने के बाद मौके पर कटावरोधी कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और बालू भरे बैगों से ध्वस्त एप्रोच को भरने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। लेकिन यह कितना कारगर हो पायेगा यह समय ही बतायेगा। मौके पर मौजूद लोगों कि मानें तो पुल के एप्रोच को बचाने के लिए प्रभावित गांवों के लोगों ने पिछले 6 महीनों में करीब दर्जनों बार स्थानीय प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई। लेकिन आज तक किसी ने इस पुल के एप्रोच की सुध नहीं ली। अगर समय रहते पुल के एप्रोच के छोटे से जगह पर हो रहे कटाव पर बोल्डर पीचिंग कर दिया जाता तो सायद आज यह नौबत नहीं आती।

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वास्तव में पिछले करीब डेढ़ दशक में कनकई नदी ने जिस प्रकार से अपनी धार बार-बार बदली है। उससे दिघलबैंक प्रखंड का पत्थरघट्टी पंचायत बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। बीते डेढ़ दशक में जहां पत्थरघट्ठी पंचायत के आधे दर्जन गांव के करीब तीन सौ से अधिक परिवार विस्थापित हुई है। वहीं आधे दर्जन से अधिक पुल पुलिया तथा कल्वर्ट को नदी के बदलते या उफनते धार ने अपने आगोश में ले लिया है।

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