बिहार में एक और पुल धंसा, चूहों के बिल से हो रहा था रिसाव, 8 फीट नीचे बैठ गया ब्रिज
सारण जिले में गंडक नदी पर बना मुख्य बांध हैजलपुर गांव के पास गुरुवार की देर रात लगभग आठ फीट नीचे धंस गया। बताया जा रहा है कि बांध पर चूहे के बिल से एक सप्ताह पहले रिसाव हो रहा था, जिसे बंद किया गया था।
बिहार पुलों का धंसना और बहना जारी है। शुक्रवार को सारण जिले में गंडक नदी पर बना मुख्य बांध हैजलपुर गांव के पास गुरुवार की देर रात लगभग आठ फीट नीचे धंस गया। देर रात कुछ लोग मवेशी लेकर जा रहे थे। उनकी नजर पड़ी और वे बांध धंसने को लेकर शोर मचाने लगे। देखते-देखते ग्रामीणों के साथ मुखिया अनिल सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुमित कुमार सिंह वहां पहुंचे और पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। सूचना पर गंडक एसडीओ विजय कुमार पहुंचे। रात में ही मजदूरों और ग्रामीणों के सहयोग से क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत कराई गई।
लोगों ने बताया कि गनीमत रही कि बाढ़ का पानी कम हो गया है। अगर यही हालत दो तीन दिन पहले हुई होती तो बांध टूट जाता और जानमाल को भारी क्षति होती। ग्रामीण विकास सिंह ने बताया कि बांध पर चूहे के बिल से एक सप्ताह पहले रिसाव हो रहा था जिसे बंद किया गया था। वहीं आज सीतामढ़ी में बागमती नदी के तिलकताजपुर बांध व खरहुआ-नुनौरा बांध के टूटने के बाद दर्जनों परिवार का घर बागमती बांध टूटने से विलीन हो गया। डीएम के भ्रमण के दौरान लोगों ने बताया कि मरम्मत में चूक और लापरवाही के कारण बांध टूटा।
गंडक और कोसी जब उफान पर थी, तब उत्तर बिहार में कई तटबंध पानी के तेज बहाव में बह गए थे। गंडक, सिकरहना और कोसी नदियों के आक्रामक तेवर से उत्तर और पूर्वी बिहार के बड़े इलाके में तबाही मची। पश्चिम व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और दरभंगा में आठ तटबंधों के टूट जाने से बाढ़ का पानी 400 से ज्यादा गांवों में घुस गया है। उधर, सुपौल व सहरसा के बाद कोसी का पानी मधेपुरा और खगड़िया जिले के कई गांवों में फैल गया। सीएम नीतीश ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए दो बार हवाई सर्वे किया है।