काम की खबरः आईजीआईएमएस पटना में खुलेगी प्राइमरी एंजियोप्लास्टी यूनिट, पेसमेकर लगाने की भी सुविधा
आईजीआईएमएस के अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अगले सप्ताह से यह यूनिट शुरू हो जाएगी। बताया कि कोरोना के बाद से हार्ट अटैक से अचानक होनेवाली मौतों में युवाओं की संख्या लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसका बड़ा कारण कोरोना माना जा रहा है।
बिहार के लोगों के लिए अच्छी खबर है। एंजियोप्लास्टी के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। हार्ट अटैक से युवाओं की जान बचाने के लिए आईजीआईएमएस में एक अलग यूनिट खोली जा रही है। प्राइमरी एंजियोप्लास्टी यूनिट में युवाओं को तत्काल हार्ट अटैक से होनेवाली धमनियों के ब्लॉकेज को हटाने, स्टेंट लगाने अथवा बाहर से पेसमेकर लगाने की भी सुविधा होगी। जल्द से जल्द इस सेवा को बहाल करने के लिए काम शुरू हो गया है
सीसीयू यनिट की ठीक बगल में स्थित इस सेंटर में ये सुविधाएं दिन-रात (24 घंटे) मिलेगी। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अगले सप्ताह से यह यूनिट शुरू हो जाएगी। बताया कि कोरोना के बाद से हार्ट अटैक से अचानक होनेवाली मौतों में युवाओं की संख्या लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसका बड़ा कारण कोरोना पीड़ितों की हृदय की धमनियों में संकुचन, खून का थक्का जमने और ब्लॉकेज की समस्या को माना जा रहा है।
इसे देखते हुए आईजीआईएमएस में प्राइमरी एंजियोप्लास्टी यूनिट को खोला जा रहा है। आईजीआईएमएस हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवि विष्णु ने बताया कि यहां विशेषज्ञ और अनुभवी डॉक्टरों की टीम है। 24 घंटे इनकी तैनाती इस सेंटर में रहेगी। मरीज 24 घंटे में कभी भी पहुंचेंगे तो मिनटों में एंजियोप्लास्टी सेंटर की सुविधा मिलेगी। एंजियोप्लासटी होने से दिल की बीमारियों 50 तक बचाव संभव है।
कोरोना के बाद से राज्य में हार्ट अटैक से बीमार होने और मरने वालों की संख्या बढ गई है। बड़ी संख्या में युवा उम्र के लोग भी इसके शिकार बन गए हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि काम करते हुए कम उम्र के युवाओं को हार्ट अटैक आ गया। इनमें से जिन्हें समय से इलाज की सुविधा नहीं मिली वे मौत के शिकार बन गए। इसे देखते हुए आईजीआईएमएस की ओर से यह सुविधा बहाल की गई है।
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