'बिहार सरकार के सारे अधिकारी निकम्मे हैं, बिना पैसे लिए...', कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम का विवादित बयान
राजपुर से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने विवादित बयान दिया है। उन्होने बिहार सरकार के सभी अधिकारियों को निकम्मा बताया है। और कहा कि बिना पैसे लिए कोई काम करने को तैयार नहीं हैं। इस दौरान उन्होने गाली का प्रयोग किया।
बक्सर जिले की राजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम एक बार फिर से चर्चा में है। वो भी अपने विवादित बयान की वजह से, मुगांव पंचायत में सम्मान समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कुछ ऐसा कह दिया। जिसके बाद वो फिर से सुर्खियों में हैं। विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि बिहार सरकार के सारे अधिकारी निकम्मे हैं, ये बात में डंके की चोट पर कहता हूं। इस दौरान उन्होने अधिकारियों को गाली भी दी।
कांग्रेस विधायक विश्वनाथ ने कहा कि बिहार सरकार के अधिकारी बिना पैसे लिए कोई काम करने को तैयार नहीं हैं। ये बात में डंके की चोट पर कहता है, सारे अधिकारी निकम्मे हैं। उन्होने कहा कि इसी गांव का कमलेश है, जिसने हमसे कहा कि भैया काम नहीं हो रहा है। मैंने कहा कि तुम ब्लॉक पर जाओ तुम्हारा काम होगा। वो गया, मैंने उस अधिकारी को ललकारा। और कहा कि आधा घंटे में काम करो, नहीं को तुम्हारी कुर्सी खतरे से खाली नहीं हैं। तुम्हे बख्शने वाले हम नहीं है, क्योंकि हमें दलाली नहीं चाहिए।
विश्वनाथ राम ने कहा जो अधिकारी काम नहीं करेगा, वो राजपुर में रह पाएगा। मुझे विधायक बने 4 साल हो गए, कोई बता दे कि मैं ब्लॉक में गया हूं, थाने में गया हूं, थाने-ब्लॉक की दलाली के लिए आपने विधायक नहीं बनाया है। आपने विधायक बनाया है मान, सम्मान की चिंता रखने के लिए, मान-सम्मान गिरवी रखने के लिए नहीं। इसलिए मैं डंके की चोट पर अधिकारियों से कहता हूं कि काम करना है, तो करो नहीं तो जाओ। यहां रहना है तो राजपुर की जनता का काम करना होगा।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि राजपुर की जनता पहले सम्मान चाहती है, काम तो बाद में होगा। लेकिन अगर सोचोगे कि अधिकारी हैं, और धौंस दिखाकर चले जाएंगे, तो ये हमसे हरगिज बर्दाश्त नहीं होगा। मैंने भी नौकरी की है, उसका पूर्वानुमान, भविष्य और वर्तमान सब जानता हूं। लेकिन राजनीतिक करने का अपना अलग अंदाज है। क्योंकि मेरे पिता भी राजनेता रहे। वहीं मुझे राजनीति में खींच लाए। नहीं तो हम तो राजनीति से दूर होते, जितना वेतन पाते हैं, उसका दोगुना-तिगुना वेतन सरकारी अधिकारी रह कर पाते। लेकिन पिता ने कहा कि जनता की सेवा से ही जो तुम्हे मिलना होगा, वो मिलेगा उसी का परिणाम है। देर से ही सही राजपुर की जनता ने मुझे चुना। जिसके लिए मैं आपका हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा।