Hindi Newsबिहार न्यूज़Aguwani bridge collapsed thrice in three years debris flowed into river Ganga Vijay Sinha said Company negligence

तीन साल में 3 बार गिरा अगुवानी पुल, मलबा गंगा नदी में बहा; डिप्टी CM विजय सिन्हा बोले- कंपनी की लापरवाही

अगुवानी पुल का हिस्सा लगातार तीन साल में तीसरे बार गिरा है। जिसका मलबा गंगा नदी में बह गया। वहीं इस मामले पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि यह संवेदक की लापरवाही है। उसे मलबा हटाने का काम सही तरीके से करना है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोSat, 17 Aug 2024 10:47 PM
share Share

सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल तीसरी बार टूटा है। जिसका मलबा शनिवार को गंगा नदी की तेज धारा में बह गया। खगड़िया के अगुवानी घाट और भागलपुर के सुल्तानगंज के बीच बन रहे इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कर रहा था। इस पुल का एक्स्ट्रा डोज निर्माण के दौरान पहली बार 30 अप्रैल, 2022 को क्षतिग्रस्त हुआ था। इसके बाद इसे तोड़कर हटाने का निर्देश दिया गया। तब आईआईटी रुड़की की ओर से इसकी जांच कराई गई थी। इसी बीच पुल का दूसरा भाग चार जून, 2023 को क्षतिग्रस्त हुआ। जांच में इसकी डिजाइन में ही कमी पाई गई। इसके बाद पुल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार संवेदक को पुल के सभी भाग को हटाने का निर्देश दिया गया है। जिस क्षतिग्रस्त भाग के शेष हिस्से को हटाया जा रहा था, शनिवार को गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण तेज बहाव में वह बह गया। यह भाग पूर्व के क्षतिग्रस्त भाग का हिस्सा था, जिसे हटाया ही जाना था।

चूंकि पुल पर किसी तरह का कार्य नहीं कराया जा रहा था। इसलिए इस घटना में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। निगम ने कहा है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर संवेदक को अपने खर्च पर अब इस जगह नए सिरे से नए डिजाइन के अनुसार पुल का निर्माण करना है। डिजाइन की मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी मिलने के बाद ही पुल का निर्माण कार्य शुरू होगा।

ये भी पढ़ें:लगता नहीं ये ब्रिज बनेगा भी या नहीं, तीसरी बार अगुवानी पुल गिरने पर बोले तेजस्वी

हालांकि गंगा नदी में मलबा बहने को भी विभाग ने गंभीरता से लिया है। उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि यह संवेदक की लापरवाही है। उसे मलबा हटाने का काम सही तरीके से करना है। इस तरह नदी में पुल के बहने से सरकार की छवि पर असर होता है। संवेदक की संवेदनशीलता दिखनी चाहिए।

ये भी पढ़ें:पुल गिरा नहीं है, गिराया जा रहा है; बिहार ब्रिज हादसे पर बोले मंत्री अशोक चौधरी

न्यायालय के आदेश के आलोक में पूरी कार्रवाई हो रही है। इसलिए इस घटना के बारे में न्यायालय को अवगत कराया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने ईपीसी मोड की आलोचना की और कहा कि एजेंसियों के डिजाइन पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जांच के बाद ही डिजाइन की मंजूरी दी जाएगी। विभाग की पैनी नजर है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें