फिर गिर गया अगुवानी पुल, कांग्रेस बोली- बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया, नीतीश नहीं लेते कोई...
भागलपुर के अगुवानी पुल के फिर से ढह जाने पर सियासत तेज हो गई है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि बिहार के भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। और सीएम नीतीश कोई निर्णय नहीं लेना चाहते हैं। ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है।
बिहार में पुलों के गिरने पर सियासत जारी है। तीसरी बार भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी पुल का एक हिस्सा ढह गया। जिसके बाद विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। और जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालना चाहिए, उसे ठेके दिए जा रहे हैं। ऐसे में पता नहीं सरकार को क्या इंट्रैस्ट है।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि बिहार के साथ लगातार त्रासदी जारी है। बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। नीतीश कुमार कुछ भी निर्णय लेने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इससे पहले भी एक दर्जन से ज्यादा पुल ध्वस्त हो चुके हैं। 710 करोड़ की लागत से सिंघला कंपनी अगुवानी पुल बना रही थी। फिर से धराशायी हुआ और गिर गया।
मैंने अपने बजट भाषण के दौरान भी ये बात दोहराई थी। कि बजट में जिन दो पुलों के निर्माण की घोषणा हुई है। उनका निर्माण भी भगवान भरोसे होना है। क्योंकि बिहार में जिस तरह से पुल गिर रहे हैं, ध्वस्त हो रहे हैं। उससे लगता है कि पुल के टेंडर एक ऐसी कंपनी को दिया गया। जिनको तुरंत जेल के अंदर डालना चाहिए। उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालना चाहिए। लेकिन पता नहीं सरकार का क्या इंट्रस्ट है, जिस पर कार्रवाई न करके उसको टेंडर मुहैया कराया जाता है। ठेका दिया जाता है। और बिहार के लोग भगवान भरोसे हैं।
वहीं इस मामले पर नीतीश सरकार की ओर से सफाई में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह पुल गिरा नहीं है। बल्कि पुल का पाया (पिलर) पहले टूट गया था, उसे गिराने की एवज में पुल गिरा है। पुल तो पहले ही गिर गया था, अब उसकी सफाई करने और तोड़ने के दौरान पुल गिराया जा रहा है।
उन्होने कहा कि अगुवानी पुल में तकनीकी दिक्कत है। पहले भी पुल का निर्माण दूसरी जगह हुआ था तो, एक पाया मुड़ गया था। तकनीकी टीम की ओर से कहीं न कहीं गड़बड़ी हो रही है। यह जांच का विषय है। आपको बता दें बिहार में लगातार गिरते पुलों पर सियासत जारी है। महागठबंधन के सहयोगी दल नीतीश सरकार पर हमलावर हैं।