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खुशखबरी! नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय को UGC से मिली मान्यता, कब से शुरू होगा एडमिशन

यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने नामांकन की अनुमति दे दी है। इसबार कुल 59 प्रोग्राम में एडमिशन एनओयू लेगा। इसमें यूजी स्तर के 20 विषय में चार साल का स्नातक होगा। वहीं, पीजी में 30 विषय में नामांकन की अनुमति मिली है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाWed, 9 Oct 2024 07:17 AM
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मंगलवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय को नामांकन की अनुमति प्रदान कर दी है। दो वर्षों के बाद विश्वविद्यालय में एकबार फिर नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। विश्वविद्यालय को यूजीसी से नामांकन का पत्र दोपहर में प्राप्त हो गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय में 14 से 15 तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।

यूजीसी से नामांकन की मंजूरी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी है। दो वर्षों के बाद मंगलवार को मंजूरी का पत्र प्राप्त हुआ है। यहां बिहार के गरीब छात्र-छात्राओं का कम राशि में नामांकन होता रहा है। इस विश्वविद्यालय से लोगों को काफी उम्मीदें थी। इसका सत्र भी नियमित है। यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने नामांकन की अनुमति दे दी है। इसबार कुल 59 प्रोग्राम में एडमिशन एनओयू लेगा। इसमें यूजी स्तर के 20 विषय में चार साल का स्नातक होगा। वहीं, पीजी में 30 विषय में नामांकन की अनुमति मिली है।

इसमें से पीजी स्तर के 19 कोर्स साइंस आधारित है। उन्होंने बताया कि लगभग सभी कोर्सों में नामांकन के लिए मंजूरी मिली है। नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुमार ने बताया कि पटना में भी ऑफलाइन आवेदन के लिए कुछ सेंटर खोलने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए जल्द निर्णय लिया जाएगा।

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्राचार्यों से बातचीत के बाद इसपर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद थी। जिसकी वजह से विश्वविद्यालय में जीरो सत्र हो गया था। अब दो वर्षों के बाद एकबार भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। विश्वविद्यालय के तमाम नोडल केन्द्रों पर भी नामांकन होगा।

विश्वविद्यालय में प्रत्येक वर्ष 20 से 25 हजार नामांकन होता रहा है। पर इसबार नामांकन में थोड़ा विलंब से होने से कितना नामांकन हो पाता है। यह देखना दिलचस्प होगा। सबसे बड़ी बात हैं नालंदा में कितने छात्र-छात्राएं नामांकन लेने के लिए पहुंचेंगे। यह भी एक बड़ी समस्या होगी। पटना में मुख्य केन्द्र होने से सभी जिलों के छात्र-छात्राएं पहुंच जाते थे।

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