10 साल से फरार, एक लाख का इनाम; पहचान छिपाने के लिए बदला नाम, ऐसे पकड़ा गया नक्सली विजय यादव
बीते 10 सालों से रोहतास जिले में नाम बदलकर रह रहे एक लाख के इनामी नक्सली विजय यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लैंड माइंस लगाने और पुलिस की गाड़ी जलाने समेत कई आपराधिक मामलों में फरार चल रहा था।
रोहतास जिला पुलिस को शुक्रवार कि शाम बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां आयरकोठा थाना क्षेत्र के गनुआ गांव से शुक्रवार की शाम भोजपुर पुलिस ने दस साल से नाम बदलकर रह रहे एक लाख के इनामी नक्सली को गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ ले गई। थानाध्यक्ष कुसुम कुमार केसरी ने बताया कि भोजपुर जिला के चरपोखरी थाना कांड संख्या 198 / 15 विस्फोटक मामले में विजय यादव उर्फ सुनील सिंह दस वर्ष से फरार था। उस पर गृह विभाग ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। इसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर विशेष टीम का गठन कर आयर कोठा थाना, एसटीएफ व भोजपुर पुलिस के साथ छापेमारी कर उसको गिरफ्तार किया गया।
थानाध्यक्ष ने बताया कि फरार नक्सली 10 वर्षों से नाम बदलकर सुनील पासवान के रूप में रह रहा था। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। बताया कि नक्सली विजय यादव ने गनुआ में शादी की और यही बस गया था। वह पेंटर का काम कर रहा था। भोजपुर पुलिस उसे गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए साथ ले गई है। रोहतास पुलिस भी गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ करेगी।
गिरफ्तार नक्सली विजय यादव, रोहतास जिला के बैसाडीह गांव के निवासी सियाराम यादव का पुत्र है। विजय यादव मूलरुप से भोजपुर जिला के चौरी थाना क्षेत्र के बाबूबांध गांव का निवासी था, लेकिन कुछ दिनों के बाद विजय यादव ने बाबूबाध गांव से चरपोखरी थाना क्षेत्र के सियाडीह गांव में जाकर रहने लगा था। वर्ष 2003 में विजय यादव अपने परिवार के साथ सियाड़ीह से रोहतास जिले के आयर कोठा बैसाडीह गांव में जाकर रहने लगा था। साल 2006 में भोजपुर के सेमराव गांव के पास पुलिस की गाड़ी जलाने और साल 2015 में चरपोखरी थाना क्षेत्र के कथराई गांव के पुल के पास लैंड माइंस लगा कर विस्फोट करने का आरोपी था