Hindi Newsबिहार न्यूज़37 lakhs cheated for admission in MBBS, Jharkhand Police arrested accused from Muzaffarpur

MBBS में एडमिशन के लिए ठग लिए 37 लाख, झारखंड पुलिस ने मुजफ्फरपुर से दबोचा

2022 में दोनों को ठगने के बाद निशांत रांची से फरार हो गया था। काफी प्रयास के बाद भी जब रुपये वापस नहीं किए गए तो निशांत सिंह के खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर थाने में बीते नौ मई को विकास नगर, सिंह मोड़ स्थित साई कृपा अपार्टमेंट के फ्लैट नं. एक के ओमप्रकाश झा ने एफआईआर दर्ज कराई।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 9 Dec 2024 09:24 AM
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सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में नामांकन फर्जीवाड़ा रैकेट का मास्टरमाइंड कांटी निवासी निशांत सिंह उर्फ नितांत को रविवार देर शाम बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। सदर थाना पुलिस के सहयोग से झारखंड पुलिस ने उसे गोबरसही से दबोचा। उसने आकाशवाणी पटना और रांची दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत दो अफसरों से उनकी पुत्री का एमबीबीएस में नामांकन कराने के नाम पर 37 लाख ठगे थे। इसे लेकर आकाशवाणी पटना में कार्यरत रांची के ओमप्रकाश झा से 18.41 लाख और इतनी ही राशि रांची दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत दिव्य दिवाकर दिनेश से ठगी गई थी। आरोप है कि उसने कई लोगों से करोड़ों की ठगी की है।

वर्ष 2022 में दोनों को ठगने के बाद निशांत रांची से फरार हो गया था। काफी प्रयास के बाद भी जब रुपये वापस नहीं किए गए तो निशांत सिंह के खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर थाने में बीते नौ मई को विकास नगर, सिंह मोड़ स्थित साई कृपा अपार्टमेंट के फ्लैट नं. एक के ओमप्रकाश झा ने एफआईआर दर्ज कराई।

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बताया जाता है कि झारखंड पुलिस पहले निशांत के कांटी स्थित घर गई, लेकिन वह फरार पाया गया। इसके बाद उसका मोबाइल लोकेशन गोबरसही में मिला। इस पर झारखंड पुलिस ने सदर पुलिस से सहयोग मांगा। सदर थानेदार अस्मित कुमार ने बताया कि रांची पुलिस के साथ छापेमारी कर निशांत सिंह को गिरफ्तार किया गया। उसे रांची पुलिस को सौंप दिया गया है, जो आगे की कार्रवाई करेगी।

लखनऊ में एडमिशन कराने के नाम पर की ठगी

पुलिस ने छानबीन में निशांत की नामांकन फर्जीवाड़ा रैकेट में संलिप्तता पाई। उसने ओमप्रकाश झा और दिव्य दिवाकर दिनेश की पुत्रियों का लखनऊ स्थित केजीएमयू में एमबीबीएस में नामांकन कराने का झांसा दिया था। निशांत ने रुपये अपने भाई सुशांत के नाम के खाते में लिए थे। रुपये लेने के बाद वह दोनों को दिलासा देता रहा। अंत में कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण अभी नामांकन नहीं हो पाएगा। इसके बाद रुपये वापस करने के लिए पोस्ट डेटेड चेक दिया, जो बाउंस हो गया। वकालतन नोटिस के बाद भी रुपये वापस नहीं किए गए।

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