बिल्कुल सेफ नहीं मारुति अर्टिगा, क्रैश टेस्ट में मिली काफी खराब सेफ्टी रेटिंग; खरीदने से पहले ग्राहक ये जरूर देख लें
मारुति अर्टिगा बिल्कुल सेफ नहीं है। साउथ अफ्रीका में हुए ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में इस कार को काफी खराब सेफ्टी रेटिंग मिली है। आइए इसकी डिटेल्स जानते हैं।
भारत में बनाई जाने वाली मारुति अर्टिगा को ग्लोबल NCAP ने एक बार फिर क्रैश टेस्ट किया है, लेकिन, इस बार दक्षिण अफ़्रीका के लिए बने मॉडल को टेस्ट किया है। 2019 में भारत में बिकने वाली अर्टिगा को ग्लोबल NCAP ने क्रैश टेस्ट किया था, जिसे एडल्ट सेफ्टी में 3-स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में 3-स्टार मिले थे। लेकिन, 2024 में नए नॉर्म्स के साथ इसी कार को दक्षिण अफ़्रीका के लिए क्रैश टेस्ट करने पर एडल्ट सेफ्टी में सिर्फ़ 1-स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में 2-स्टार मिले हैं।
मारुति अर्टिगा ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट 2024 की खास बातें
मारुति अर्टिगा में दो फ्रंटल एयरबैग मानक रूप से मिलते हैं, लेकिन सुरक्षा के कई पहलुओं में इसका प्रदर्शन अलग-अलग है। कार के बॉडी को "मॉर्जिनल वैलिटाइल" बताया गया है और पैडल डिस्प्लेसमेंट के कारण ड्राइवर के पैरों को चोट लगने का खतरा है। एडल्ट सेफ्टी में कुछ हद तक पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले। एडल्ट के सिर और गर्दन को अच्छी सुरक्षा मिलती है, जबकि पैसेंज के सीने को अच्छी सुरक्षा मिलती है, लेकिन ड्राइवर के सीने को मामूली सुरक्षा ही मिलती है।
साइड इम्पैक्ट टेस्ट में अर्टिगा ने सिर और पेट को अच्छी सेफ्टी प्रदान की है, लेकिन सीने को केवल पर्याप्त सुरक्षा मिली। मारुति अर्टिगा में साइड एयरबैग, विकल्प के तौर पर भी नहीं दिए जाते हैं। पैसेंजर प्रिटेंशनर ठीक से काम नहीं कर पाया, जो चिंता का विषय है। 18 महीने के बच्चे की डमी के लिए चाइल्ड सुरक्षा को "खराब" बताया गया है, क्योंकि चाइल्ड रिस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) को आगे की ओर लगाया गया था, जबकि बेहतर सुरक्षा के लिए पीछे की ओर लगाना चाहिए।
अर्टिगा में केवल पिछली सीट के बीच में लैप बेल्ट दिया गया है, जिसके कारण चाइल्ड सुरक्षा में अंक कम हुए हैं। आगे की सीट पर पीछे की ओर CRS लगाने पर पैसेंजर एयरबैग को डिस्कनेक्ट करने का विकल्प नहीं है, जिससे बच्चे की सेफ्टी प्रभावित होती है। मारुति अर्टिगा में ISOFIX एंकरेज मानक रूप से मिलते हैं, जो एक अच्छी बात है।
मारुति अर्टिगा क्रैश टेस्ट रिजल्ट
3 साल के बच्चे के लिए फॉरवर्ड-फेसिंग CRS लगाने पर सीट ने फ्रंटल इम्पैक्ट के दौरान सिर को बाहर निकलने से रोक दिया, लेकिन गर्दन और सीने को कम सुरक्षा मिली। साइड इम्पैक्ट की बात करें तो दोनों CRS ने साइड इम्पैक्ट टेस्ट में पूरी सुरक्षा प्रदान की।
सभी सीटों पर मानक रूप से 3-पॉइंट सीट बेल्ट नहीं मिलते हैं। आगे की सीट पर पीछे की ओर CRS लगाने पर पैसेंजर एयरबैग को डिस्कनेक्ट करने का विकल्प नहीं है। CRS की स्थापना बीच की सीट और तीसरी लाइन में CRS की दोनों स्थितियों में विफल रही।
मारुति अर्टिगा ने एडल्ट सेफ्टी में कुछ हद तक अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन चाइल्ड सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिरता में सुधार की गुंजाइश है। लोगों को सलाह दी जाती है कि कार खरीदने से पहले सुरक्षा रेटिंग और कार की खासियत को ध्यान में रखें और सुरक्षित कारों का चयन करें।
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