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मोदी सरकार ने बनाई विदेशी ई-कार भारत लाने से जुड़ी पॉलिसी, टैक्स में मिलेगी बड़ी राहत; जल्द होगी टेस्ला की एंट्री!

  • एलन मस्क की टेस्ला की भारतीय एंट्री के ऊपर सालों से मंडराने वाले काले बादल अब जल्दी ही छंटने वाले हैं। पिछले कई सालों से अलग-अलग चुनौतियों का सामना करने वाली टेस्ला के लिए अब सरकार ने खुद एंट्री का रास्ता खोल दिए है।

Narendra Jijhontiya लाइव हिन्दुस्तानFri, 15 March 2024 04:30 PM
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एलन मस्क की टेस्ला की भारतीय एंट्री के ऊपर सालों से मंडराने वाले काले बादल अब जल्दी ही छंटने वाले हैं। पिछले कई सालों से अलग-अलग चुनौतियों का सामना करने वाली टेस्ला के लिए अब सरकार ने खुद एंट्री का रास्ता खोल दिया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के अंदर इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और देश को इस दिशा में बड़ा हब बनाने के लिए नया और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए नई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति (New EV Policy) को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बा टेस्ला के साथ दूसरा कई विदेशी कंपनियों के लिए भारत में एंट्री की राह आसान हो जाएगी।

इस नई पॉलिसी की बात करें तो किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। कंपनियां इसके ऊपर कितना भी रुपया निवेश कर सकती हैं। यानी अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इन कंपनियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में कम से कम 25% कम्पोनेंट्स स्थानीय तौर पर तैयार किए हुए इस्तेमाल करने होंगे। बता दें कि भारत सरकार 40,000 डॉलर से अधिक लागत, बीमा और माल ढुलाई मूल्य वाली कारों पर 100% और उससे सस्ते वाहनों पर 70% इम्पोर्ट ड्यूटी लेती है।

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नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की बड़ी बातें

1. कंपनियों को कम से कम 4,150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इससे भारत को ई-हब बनने में मदद मिलेगी।

2. पॉलिसी कंपनियों को EV का व्यावसायिक प्रोडक्शन शुरू करने के लिए भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए 3 साल की अनुमति देती है।

3. इस पॉलिसी से देश में तैयार होने वाले ईवी और दूसरे कम्पोनेंट से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। कंपनियों को लोकल कम्पोनेंट को 5 साल में बढ़ाकर 50% तक करने होंगे।

4. सरकार ने कंपनियों को 35,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर 15% की कम सीमा शुल्क पर सालाना 8,000 ईवी तक आयात करने की अनुमति दी है।

5. इम्पोर्ट EV पर शुल्क छूट सीधे कंपनी के निवेश या PLI योजना के तहत समकक्ष प्रोत्साहन (6,484 करोड़ रुपए तक सीमित) मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा किए गए निवेश तक सीमित है।

6. ये पॉलिसी 5 सालों में 40,000 ईवी की सीमा की रूपरेखा तैयार करती है, बशर्ते निवेश 800 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाए।

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भारत में टेस्ला के 3 मॉडल की होगी एंट्री
टेस्ला भारतीय बाजार में शुरुआत में 3 कारों को एक्सपोर्ट करके एंट्री करना चाहती हैं। इसमें मॉडल 3, मॉडल Y और एक नई हैचबैक शामिल हैं। अमेरिकी बाजार में मॉडल 3 की कीमत $39,000 (करीब 32.37 लाख रुपए), मॉडल Y की कीमत $44,000 (करीब 36.52 लाख रुपए) और हैचबैक की कीमत $25,000 (करीब 20.75 लाख रुपए) है। रियायती आयात शुल्क दिए जाने पर भारत में मॉडल 3 की कीमत 38 लाख रुपए और मॉडल Y की कीमत 43 लाख रुपए होने की संभावना है।

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