हाइब्रिड कारों से ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल, मारुति प्रेसिडेंट ने दिया चौंकाने वाला बयान? जानिए वजह
- देश के अंदर कारों से होने वाले पॉल्यूशन को रोकने के लिए सभी कंपनियां अपने-अपने स्तर पर काम कर रही हैं। ऑप्शन फ्यूल आने से एनवायरमेंट को साफ-सुथरा रखने पर काम किया जा रहा है।
देश के अंदर कारों से होने वाले पॉल्यूशन को रोकने के लिए सभी कंपनियां अपने-अपने स्तर पर काम कर रही हैं। ऑप्शन फ्यूल आने से एनवायरमेंट को साफ-सुथरा रखने पर काम किया जा रहा है। खासकर, पर्यावरण बचाने के लिए पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बीच, देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के प्रेसिडेंट आरसी भार्गव ने कहा कि हाइब्रिड व्हीकल, इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाती हैं।
भार्गव ने अपनी इस बात के पीछे तर्क दिया कि इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। जबकि 76% बिजली देश में कोयला से बनती है, जिससे अधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है। यानी बिजली प्रोडक्शन की प्रोसेस में ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में आरसी भार्गव ने कहा कि हाइब्रिड व्हीकल इंटरनल चार्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं, जिसमें रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से बैटरी चार्ज होती है। इससे गाड़ी को इलेक्ट्रिक मोड पर चलाया जा सकता है। इसके अवाला उन्होंने हाइब्रिड कारों पर रोड टैक्स में छूट देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत में हाइब्रिड व्हीकल पर टैक्स कम करना सरकार का अच्छा फैसला है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा हाइब्रिड व्हीकल पर रोड टैक्स में छूट दी गई है। इससे यहां हाइब्रिड कारों की कीमतों में काफी गिरावट आई है। मारुति सुजुकी इनविक्टो और टोयोटा हाईक्रॉस जैसे मॉडल्स की कीमत 3 लाख रुपए तक कम हो गई है। दूसरी तरफ ग्रैंड विटारा और हाईक्रॉस जैसी SUV की कीमत 2 लाख रुपए तक घटी है। भार्गव ने ये भी कहा कि कार्बन उत्सर्जन करने के लिए हाइब्रिड व्हीकल को बढ़ावा देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
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