जग्गी वासुदेव का बड़ा दावा! पर्यावरण के लिए ठीक नहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियां, तर्क सुनकर आप भी चौंक जाएंगे
जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईवी पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं हैं। इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण नहीं घटा सकते हैं। आइए विस्तार से इसके पीछे का जग्गी वासुदेव का तर्क जानते हैं।
जब भारत में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) को अपनाने की बात हो रही है, तो प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) ने एक अलग ही दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण कम करना संभव नहीं है, खासकर तब तक जब तक देश बिजली उत्पादन के लिए कोयले और डीजल पर निर्भर है। आइए जरा विस्तार से इसको समझते हैं।
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जग्गी वासुदेव का क्या तर्क है?
एचटी ऑटो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चिक्कबल्लापुर में 22 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) को प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से बेचना व्यर्थ है, जब तक बिजली उत्पादन का मुख्य स्रोत कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधन ही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि ईवी से धुआं नहीं निकलता, यह शहरों और कस्बों के लिए अच्छा है। लेकिन, पर्यावरण के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद नहीं है।
50% कोयले से उत्पन्न इलेक्ट्रिक
भारत में हर साल लगभग 50% बिजली कोयले से उत्पन्न होती है, जबकि डीजल का योगदान बहुत ही मामूली है। इसकी तुलना में पवन, सौर और जल विद्युत जैसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का योगदान 41% है।
ईवी और पर्यावरण का लंबा संबंध
वासुदेव का यह बयान एक पुराने बहस को फिर से छेड़ता है कि इलेक्ट्रिक वाहन तब तक पर्यावरण के अनुकूल नहीं हो सकते, जब तक कि उनकी बैटरियों के निर्माण और बिजली के स्रोत प्रदूषण मुक्त न हों। बैटरियों में उपयोग होने वाले खनिज और उनका निर्माण भी पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा कोयले से उत्पन्न बिजली का उपयोग ईवी चार्जिंग के लिए किया जाता है, जो पर्यावरणीय प्रदूषण को बनाए रखता है।
भारत का भविष्य और ऑप्शनल एनर्जी सोर्स
भारत में सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 50% कार्बन न्यूट्रल और 2070 तक पूरी तरह से कार्बन न्यूट्रल बन जाए। इसके लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहन योजनाएं भी शुरू की हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोयले की जगह पवन, सौर और जल ऊर्जा जैसे पर्यावरणीय स्रोतों पर जोर दिया जाए, तो यह लक्ष्य जल्दी हासिल किया जा सकता है।
जग्गी वासुदेव का कलेक्शन
दिलचस्प बात यह है कि जग्गी वासुदेव खुद एक ऑटोमोबाइल प्रेमी हैं और उनके पास कई लग्जरी गाड़ियां और बाइक्स हैं, जो पेट्रोल और डीजल पर चलती हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध गाड़ियों में Mercedes-AMG G-Class, BMW K 1600 GT, Ducati Multistrada 1260 और Scrambler Desert Sled शामिल हैं। रामदेव को उन्होंने अपनी Ducati Scrambler Desert Sled पर सवारी भी कराई थी, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रही।
पर्यावरण का सबसे बेहतर समाधान ईवी?
जग्गी वासुदेव का यह बयान हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम वास्तव में ईवी को पर्यावरण का सबसे बेहतर समाधान मान सकते हैं। सरकार को चाहिए कि बिजली उत्पादन के स्वच्छ स्रोतों पर जोर देते हुए ईवी की उपयोगिता को सही मायनों में पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाए।
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