23 साल बाद गंगा दशहरा पर बेहद ही शुभ संयोग, गंगा स्नान से दस पाप होते हैं नष्ट
- मान्यता है कि गंगा दशहरा के पावन दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसी दिन भगवान राम ने दक्षिण में रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। इस दिन भगवान भोलेनाथ की भी विशेष पूजा की जाती है।
ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। सनातनी धर्मावलंबी इस दिन गंगा स्नान करने के साथ पूजा-पाठ व दान-दक्षिणा करते हैं। लोग अपने घरों में भी ब्रह्ममुहूर्त की बेला में स्नान कर विशेष तौर पर मां गंगा की पूजा करेंगे। मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसी दिन भगवान राम ने दक्षिण में रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। इस दिन भगवान भोलेनाथ की भी विशेष पूजा की जाती है।
उदया तिथि रविवार को
ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून की रात्रि 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला में 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक हस्त नक्षत्र रहेगा। यह समय गंगा नदी में स्नान के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
23 साल बाद दो महायोग
पंडित रामदेव पाण्डेय के अनुसार इस बार 23 साल बाद चित्रा नक्षत्र व पंच महायोग में गंगा दशहरा मनाया जाएगा। सौ साल के बाद कुंभ राशि में बिराजे शनिदेव शश राजयोग बनाएंगे। साथ ही गंगा दशहरा के दिन अमृत सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धियोग भी है जो काफी शुभ है। हिंदू धर्म में इस तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है।
गंगा स्नान से दस पाप नष्ट होते हैं
धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा स्नान से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शास्त्रों में गंगा माता को मोक्षदायिनी कहा गया है। गंगा, शिव जी की जटाओं से निकलती हैं, इसलिए इस दिन शिव भगवना की भी पूजा करनी चाहिए। इससे विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से 10 पाप नष्ट हो जाते हैं।
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