विकट संकष्टी चतुर्थी कल, जानें पूजन शुभ मुहूर्त, विधि, उपाय व सबकुछ
- Vikat Sankashti Chaturthi Date: अप्रैल महीने की संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा की पूजा अर्चना की जाती है। माताएं ये व्रत अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

Vikat Sankashti Chaturthi Date, विकट संकष्टी चतुर्थी कल: इस महीने वैशाख मास की संकष्टी चौथ का व्रत रखा जाएगा। वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। अप्रैल महीने की संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। पंचांग के अनुसार, अप्रैल 16 को दोपहर 1:16 बजे चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी, जिसका समापन अप्रैल 17 को दोपहर 03:23 बजे तक होगा। दृक पंचांग के अनुसार, अप्रैल 16 को विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा की पूजा अर्चना की जाती है। माताएं इस व्रत को अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, चंद्रोदय समय और व्रत पारण की सही विधि-
जानें पूजन शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त 04:26 से 05:10
- प्रातः सन्ध्या 04:48 से 05:55
- अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
- विजय मुहूर्त 14:30 से 15:21
- गोधूलि मुहूर्त 18:46 से 19:09
- सायाह्न सन्ध्या 18:48 से 19:54
- अमृत काल 18:20 से 20:06
- निशिता मुहूर्त 23:58 से 00:43, अप्रैल 17
- सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन
- अमृत सिद्धि योग पूरे दिन
पूजा-विधि
1- भगवान गणेश का जलाभिषेक करें
2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं
3- तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं
4- विकट संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें
5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें
6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें
7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें
8- व्रत का पारण करें
9- क्षमा प्रार्थना करें
उपाय: गणेश चालीसा का पाठ करें।
मंत्र- ॐ गं गणपतये नमः
भोग: मोदक, लड्डू, मिठाई, खीर, फल, सूखे मेवे, पंचामृत
व्रत का पारण कैसे करें: विकट संकष्टी चतुर्थी के व्रत का पारण करने के अगले दिन भी केवल सात्विक भोजन या फलाहार ही ग्रहण करें और तामसिक भोजन से परहेज करें। विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत खोलने के लिए चंद्रमा दर्शन और पूजन को जरूरी माना गया है। इस व्रत को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पूर्ण माना जाता है। चंद्रोदय के बाद अपनी सुविधा अनुसार अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें और अपनी मनोकामना के लिए पूजा अर्चना करें।
चांद निकलने का टाइम: 16 अप्रैल को रात 10 बजे चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।