Hindi Newsधर्म न्यूज़Vikat Sankashti Chaturthi Chand Kitne Baje Niklega Moon rise time 16 April 2025

Vikat Sankashti Chaturthi: आज विकट संकष्टी चतुर्थी का चांद कितने बजे दिखेगा? जानें

  • Vikat sankashti chaturthi ka chand kab niklega:आज विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही पूर्ण माना गया है। जानें आज विकट संकष्टी चतुर्थी का चांद कितने बजे दिखेगा-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 April 2025 09:34 AM
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Vikat Sankashti Chaturthi: आज विकट संकष्टी चतुर्थी का चांद कितने बजे दिखेगा? जानें

Vikat Sankashti Chaturthi Chand Time: संकष्टी चतु्र्थी का व्रत भगवान श्रीगणेश को समर्पित है। वैशाख माह की संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस साल विकट संकष्टी चतुर्थी 16 अप्रैल 2025, बुधवार को है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करना व उपासना करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से संकटों से रक्षा होती है और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन के बाद ही संकष्टी चतु्र्थी व्रत पूर्ण माना गया है। इस दिन शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने से जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

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विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल 2025 को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट पर प्रारंभ होगी और 17 अप्रैल 2025 को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी।

विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 का चांद कितने बजे निकलेगा: विकट संकष्टी चतुर्थी का चांद रात 10 बजे दिखाई देगा।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व- संकष्टी चतुर्थी व्रत के पुण्य प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश की कृपा से कार्यों की विघ्न-बाधाएं खत्म होती हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

गणेश मंत्र-

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

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गणेश जी की आरती-

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,

और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे,

संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,

कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,

सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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