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Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी व्रत में न करें ये 7 काम, आज ही जान लें व्रत नियम

  • Vijaya Ekadashi 2025: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी की पूजा-उपासना से साधक के हर कार्य सफल होते हैं, लेकिन इस दिन कुछ कार्यों की मनाही होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 16 Feb 2025 07:44 PM
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Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी व्रत में न करें ये 7 काम, आज ही जान लें व्रत नियम

Vijaya Ekadashi 2025: हर माह में आने वाली एकादशी तिथि को विष्णुजी की कृपा पाने व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विष्णुजी की पूजा-अर्चना करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और साधक को जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत और विष्णुजी की पूजा करने से साधक को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन विजया एकादशी व्रत में कुछ कार्यों की मनाही भी होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीहरि विष्णुजी नाराज हो सकते हैं। इसलिए एकादशी व्रत के नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि विजया एकादशी व्रत के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए?

विजया एकादशी के न करें ये काम

विजया एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें। मान्यता है कि इससे विष्णुजी रुष्ट हो सकते हैं।

श्रीहरि विष्णुजी को तुलसी का पत्तियां अति प्रिय है। विष्णुजी के भोग में तुलसी के पत्तों को शामिल करना बेहद जरूरी माना जाता है। कहते हैं कि इसके बिना विष्णुजी भोग को ग्रहण नहीं करते हैं, लेकिन एकादशी तिथि में तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए। पूजा में इस्तेमाल करने के लिए तुलसी के पत्तों को एक दिन पहले तोड़कर रख लें।

विजया एकादशी के दिन व्रती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए। घर के प्रत्येक सदस्य को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे विष्णुजी नाराज हो सकते हैं।

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सनातन धर्म में शुभ कार्यों में काले रंग के वस्त्रों को धारण करने की मनाही होती है। एकादशी व्रत में भी साधक को काले रंग का वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। इस दिन विष्णुजी की पूजा-अर्चना के दौरान पीले रंग के वस्त्र पहन सकते हैं।

विजया एकादशी के दिन क्रोध से बचें। अपने से बड़े-बुजुर्गों को अपमानित न करें। अपशब्दों का इस्तेमाल करने से बचें। मन में नकारात्मक विचार न लाएं।

एकादशी व्रत में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन घर की साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें। घर के किसी भी हिस्से को गंदा न रखें और शाम को तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाएं।

एकादशी व्रत में किसी भी तरह से झूठ न बोलें। हिंसा से बचें। अपने मन,कर्म और वचन से किसी को परेशान न करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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